Gangasagar Mela 2025: इस दिन से शुरू हो रहा है गंगासागर मेला, नोट कर लें स्नान की सही तारीख
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Gangasagar Mela 2025: इस दिन से शुरू हो रहा है गंगासागर मेला, नोट कर लें स्नान की सही तारीख

Gangasagar Mela 2025 Date: गंगा सागर मेला हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर लगता है. यहां जानें इस साल गंगा सागर मेला कब से कब तक है.

Gangasagar Mela 2025: इस दिन से शुरू हो रहा है गंगासागर मेला, नोट कर लें स्नान की सही तारीख

Gangasagar Mela 2025 Snan Dates: मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गंगा सागर तीर्थ यात्रा और स्नान का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में गंगा सागर को मोक्ष धाम के रूप में बताया गया है. इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा सागर पहुंचकर सागर संगम में पुण्य स्नान करते हैं और मोक्ष की कामना करते हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर देशभर में कई स्थानों पर मेलों का आयोजन होता है. गंगा सागर मेला इनमें सबसे प्रसिद्ध है. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर स्नान, जप-तप, दान-पुण्य, तर्पण और अन्य धार्मिक कार्य करते हैं. गंगा सागर को महातीर्थ का दर्जा प्राप्त है और इसे "सारे तीरथ बार-बार, गंगा सागर एक बार" कहने की परंपरा भी इसी से जुड़ी है. आइए जानते हैं कि गंगा सागर मेला कब से कब तक है और इसका पौराणिक महत्व क्या है.

गंगा सागर स्नान का महत्व

मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा सागर में स्नान को अत्यंत पुण्यदायक माना गया है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन यहां स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा सागर में स्नान के बाद श्रद्धालु सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं और समुद्र में नारियल एवं पूजा सामग्री भेंट करते हैं. ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. गंगा सागर का मेला हुगली नदी के उस तट पर लगता है, जहां गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में समाहित होती है. यही संगम स्थल गंगा सागर कहलाता है.

गंगा सागर मेला का पौराणिक महत्व

गंगा सागर में मकर संक्रांति के दिन स्नान और मेले का आयोजन पौराणिक कथाओं से जुड़ा है. मान्यता है कि जब मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से निकलकर पृथ्वी पर आईं, तब वह भागीरथ के पीछे-पीछे चलते हुए कपिल मुनि के आश्रम में पहुंचीं और सागर में समा गईं. यह दिन मकर संक्रांति का था. मां गंगा के पवित्र जल से राजा सगर के 60,000 श्राप से ग्रस्त पुत्रों को मुक्ति मिली. मान्यता है कि मकर संक्रांति पर यहां स्नान करने से 100 अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है.

'सारे तीरथ बार-बार, गंगा सागर एक बार'

गंगा सागर को महातीर्थ माना गया है और यह कहावत इस मान्यता से जुड़ी है कि अन्य तीर्थ स्थानों पर बार-बार जाने से जो पुण्य फल मिलता है, वह गंगा सागर में एक बार स्नान से ही प्राप्त हो जाता है. पहले गंगा सागर तक पहुंचना कठिन था, क्योंकि जल मार्ग ही मुख्य साधन था. आधुनिक परिवहन के अभाव में यहां तक पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं था. इसीलिए कहा जाता था, "सारे तीरथ बार-बार, गंगा सागर एक बार." आज के समय में परिवहन के साधनों के कारण यह यात्रा आसान हो गई है.

गंगा सागर मेला 2025

गंगा सागर मेला मकर संक्रांति के कुछ दिन पहले शुरू होता है और पर्व के बाद समाप्त होता है.  इस साल मकर संक्रांति पर गंगा सागर स्नान 14 जनवरी को होगा. जबकि गंगा सागर मेला 10 जनवरी 2025 से शुरू होकर 18 जनवरी 2025 तक चलेगा. इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर स्नान और धार्मिक अनुष्ठान करेंगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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