Laser Internet in India: Google की पेरेंट कंपनी Alphabet और भारतीय Airtel मिलकर भारत के लिए एक जोरदार इंटरनेट सर्विस लेकर आ रहे हैं जो रुक-रुक कर चलने वाले इंटरनेट की समस्या को दूर कर देगी. आपको बता दें कि ये एक लेजर आधारित सर्विस है जिसका इस्तेमाल दूर-दराज के इलाके में इंटरनेट को पहुंचाने में किया जाएगा. पहाड़ी इलाके हों या फिर बर्फीले इलाके, हर जगह पर एक ही तरह से इंटरनेट स्पीड मिलेगी. भारत में ये सर्विस जल्द ही लॉन्च की जा सकती है जो पहले से ही कई देशों में इस्तेमाल की जा रही है. इस सर्विस के लॉन्च होने के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में बड़ी क्रान्ति देखने को मिलेगी. इस सर्विस को घर-घर तक पहुंचाने के लिए एक लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी ट्रैफिक सिग्नल जैसी नजर आती है. इसे जगह-जगह पर इनस्टॉल कर दिया जाएगा. ये सर्विस यूजर्स को अब तक की सबसे बेहतरीन इंटरनेट कनेक्टिविटी ऑफर करेगी. इस प्रोजेक्ट को तारा नाम से उतारा गया है. ये अल्फाबेट की इनोवेशन लैब "एक्स" का हिस्सा है जिसका निक नेम मूनशूट फैक्ट्री है. 


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इन देशों में पहले से मिल रही लेजर इंटरनेट सर्विस 


लेजर इंटरनेट सर्विस ऑस्ट्रेलिया, केन्या और फिजी समेत 13 देशों में पहले से ही इस्तेमाल की जा रही है. अब भारत भी इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए नजर आ रहा है. इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और इंडस्ट्रीज सेक्टर को काफी बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार लेजर तकनीक को शुरू करने के लिए ट्रैफिक लाइट के आकार के उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जो डेटा ले जाता है.


इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट लाने के लिए किया जाएगा. यह फ़ाइबरऑप्टिक केबलों को खोदे और गाड़े बिना शहरी क्षेत्रों में तेज़ इंटरनेट पहुंचाने में भी मदद करता है.


बात करें Elon Musk की स्टारलिंक सर्विस की तो ये लेजर सर्विस स्टारलिंक से काफी अलग है क्योंकि स्टरलिंक एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है, इसमें सैटेलाइट का इस्तेमाल करके सीधा इन्तेर्नत सर्विस ऑफर की जाती है. जबकि लेजर इंटरनेट सर्विस में बीम लाइट का इस्तेमाल किया जाता है. ये सर्विस काफी तेजी से काम करती है और इंटरनेट की स्पीड इसमें काफी ज्यादा होती है.