Radiation Emitting Device: रेडिएशन फैलाने वाले उपकरण या डिवाइसेज को 'रेडिएशन एमिटिंग डिवाइसेज' कहते हैं. ये डिवाइसेज विभिन्न प्रकार के रेडिएशन को उत्पन्न कर सकते हैं, जिनमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (जैसे कि रेडियो वेव्स, माइक्रोवेव्स और रेडिएशन वाले मोबाइल फोन्स), यूवी रेडिएशन, बीटा रेडिएशन, गैमा रेडिएशन, एल्फा रेडिएशन, इत्यादि शामिल होते हैं. इनमें से कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:


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मोबाइल फोन: स्मार्टफोन और मोबाइल फोन रेडिएशन को फैलाते हैं जो उच्च फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन होती है.


माइक्रोवेव: घरों में प्रयुक्त माइक्रोवेव ओवन भी रेडिएशन फैलाता है जो खाद्य पदार्थों को गरम करने के लिए उच्च फ्रीक्वेंसी रेडिएशन का उपयोग करता है.


वाई-फाई रॉउटर: इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने वाले वाई-फाई रॉउटर भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन फैलाते हैं.


टीवी और रेडियो: टीवी और रेडियो भी रेडिएशन एमिट करते हैं, खासकर जब वे संचार सिग्नल प्रसारित करते हैं.


यूवी रेडिएशन के विभिन्न उपकरण: विभिन्न उदाहरण जैसे कि चिकित्सा में उपयोग होने वाले यूवी रेडिएशन वाले उपकरण, जैसे कि चिकित्सा उपकरण, स्कैनर, और रेंटगन मशीनें भी रेडिएशन फैलाती हैं.


नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट टीवी, स्मार्टवॉच आदि भी रेडिएशन का स्रोत हो सकते हैं.


यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपकरण निरंतर रेडिएशन फैलाते नहीं हैं और उनके उपयोग का स्तर और फायदे नुकसानों के साथ मिलाने पर निर्भर करते हैं. सरकारी नियंत्रण, उपयोग के तरीके और उपकरणों के अनुसार ये रेडिएशन के स्रोत बनते हैं. संबंधित संस्थानों द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है.


रेडिएशन का मानव शरीर पर प्रभाव 


डिवाइसेज से निकलने वाले रेडिएशन के शरीर पर प्रभाव कई तत्वों पर निर्भर करते हैं, जिनमें रेडिएशन के प्रकार, उपकरण के उपयोग का समय और आपके अनुकूलन क्षमता शामिल होती है। यहां कुछ मुख्य प्रभावों को देखते हैं:


इयर एफेक्ट्स (परेशानी): रेडिएशन के दौरान, विशेष रूप से यूवी (Ultraviolet) और इंफ्रारेड (Infrared) के कारण, त्वचा में परेशानियां हो सकती हैं. इसमें सूखा पन, त्वचा में लालिमा, सूखी खाल, और त्वचा के दाग शामिल हो सकते हैं.


रेडिएशन एलर्जी: कुछ लोगों में रेडिएशन से एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली, दाग और अन्य तकलीफें हो सकती हैं.


सबसिक और अग्रणी कैंसर: इंटेंसिव या लंबे समय तक किसी डिवाइस से निकलने वाले रेडिएशन के लंबे समय तक संपर्क का अध्ययन ने ज्यादा से ज्यादा कैंसर के विकास के संभावना का अध्ययन किया है. यह जीवन के अन्य कारकों जैसे कि जीवनशैली, आहार और जीवनशैली से भी प्रभावित होता है.


नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव: लंबे समय तक उच्च स्तर के रेडिएशन के साथ काम करने वाले लोगों में चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, दिल की समस्याएं, इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की संभावना, और सामान्य शारीरिक थकावट का अनुभव हो सकता है.


गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव: गर्भवती महिलाओं को उच्च स्तर के रेडिएशन से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं.