दौड़ भाग वाली जिंदगी ने लोगों से उनकी चैन की नींद छीन ली है. लेकिन अब लोगों को इसका अहसास होने लगा है. लोग अब बेहतर नींद को लेकर ज्यादा जागरूक हैं. इसका नतीजा है नींद से जुड़े बाजार में जबरदस्त वृद्धि. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नींद का बाजार अगले 8 सालों में 79 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. नींद से संबंधित प्रॉडक्ट पर कंपनियों ने निवेश बढ़ाया है. जबकि होटल जैसे उद्योग ने ग्राहकों को बेहतर नींद से जुड़ी सेवाओं में विस्तार किया है.


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ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि अनिद्रा यानी नींद न आना आजकल की आम समस्या बन गई है. इसके कई कारण हो सकते हैं. यहां आप ऐसे ही कुछ अहम वजहों को जान सकते हैं-


तनाव और चिंता 

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और चिंता आम हो गए हैं. ये मनोवैज्ञानिक कारक नींद को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं. चिंताग्रस्त मन सोने में कठिनाई पैदा करता है और नींद की गुणवत्ता को बिगाड़ता है.


अनियमित दिनचर्या

अनियमित सोने-जागने का समय, खान-पान की गलत आदतें और व्यायाम की कमी अनिद्रा को बढ़ावा देती हैं. शरीर को नियमितता की जरूरत होती है, जिससे उसकी जैविक घड़ी सही ढंग से काम कर पाती है.


कैफीन और शराब का सेवन

कैफीन और शराब का अधिक सेवन नींद को बाधित करता है. कैफीन एक उत्तेजक है जो नींद को दूर भगाता है, जबकि शराब शुरुआत में नींद ला सकती है लेकिन बाद में नींद को खराब करती है.


शारीरिक समस्याएं

कुछ शारीरिक समस्याएं जैसे सांस की तकलीफ, पेट की समस्या, जोड़ों का दर्द आदि भी नींद को प्रभावित कर सकते हैं. ये समस्याएं नींद में बाधा डालती हैं और नींद की गुणवत्ता को कम करती हैं


इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स

मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट आदि से निकलने वाली नीली रोशनी नींद के हार्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करती है. सोने से पहले इन गैजेट्स का उपयोग करने से नींद में खलल पड़ सकता है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.