50-By-50 Goal: 2050 तक समय से पहले मौतों को आधा करने का `साहसिक` लक्ष्य, कई देशों की रणनीति तैयार
2024 वर्ल्ड हेल्थ समिट के आगमन से पहले द लैंसेट कमीशन द्वारा `हेल्थ में निवेश` पर एक नई रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य 2050 तक समय से पहले होने वाली मौतों की संभावना को आधा करना है.
2024 वर्ल्ड हेल्थ समिट के आगमन से पहले द लैंसेट कमीशन द्वारा 'हेल्थ में निवेश' पर एक नई रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य 2050 तक समय से पहले होने वाली मौतों की संभावना को आधा करना है. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सात सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से (जिनमें बांग्लादेश, इथियोपिया, ईरान और तुर्की शामिल हैं) इस 'साहसिक' लेकिन पूरा किया जाने वाला लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में पहले से ही प्रगति कर रहे हैं. इस '50-बाय-50' लक्ष्य का उद्देश्य उन लोगों की संख्या को कम करना है जो 70 साल की उम्र से पहले मर जाते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, यदि यह लक्ष्य ग्लोबल लेवल पर हासिल किया जाता है, तो 2050 में जन्म लेने वाले व्यक्ति की 70 साल की उम्र से पहले मरने की संभावना केवल 15 प्रतिशत रह जाएगी, जबकि 2019 में जन्मे व्यक्ति के लिए यह संभावना 31 प्रतिशत थी.
तंबाकू नियंत्रण से शुरुआत
रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू कंट्रोल इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण नीति है. तंबाकू से जुड़ी मौतों की संख्या और सरकारों द्वारा तंबाकू नीति को लागू करने की क्षमता को देखते हुए, यह कदम जरूरी है. इसके अलावा, चीनी से भरपूर ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन भी समय से पहले मौत और दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है, खासकर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में.
महामारी और पब्लिक हेल्थ उपाय
रिपोर्ट ने यह भी बताया कि महामारी के दौरान चीन और जापान जैसे बेस्ट प्रदर्शन करने वाले देशों ने समय से पहले कार्रवाई, अलगाव और क्वारंटाइन के साथ-साथ प्रभावित लोगों को फाइनेंशियल मदद देकर सफलता हासिल की.
प्राइमरी हेल्थ कंडीशन पर फोकस
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 प्राइमरी हेल्थ कंडीशन के लिए सेवाओं और निवेश को बढ़ाने से समय से पहले होने वाली मौतों को 2050 तक 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. इनमें 8 संक्रमण और मातृ स्वास्थ्य स्थितियां और 7 नॉन कम्युनिकेबल डिजीज और चोट से संबंधित स्थितियां शामिल हैं. अंत में, रिपोर्ट ने यह भी सुझाया कि अनहेल्दी फूड और ड्रिंक्स पर टैक्स लगाने और फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) सब्सिडी को हटाने जैसी नीतियां न केवल सेहत में सुधार करेंगी बल्कि हेल्थ सर्विसेज के लिए अधिक राजस्व भी उत्पन्न करेंगी.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.