घर के इन दो जगहों में पाया जाता है मच्छरों का 64% लार्वा, डेंगू-मलेरिया से दूर रहने के लिए बरतें ये सावधानियां
Dengue prevention tips: दिल्ली में मच्छरजनित बीमारियां के रोकथाम के लिए दिल्ली नगर निगम ने हाल ही में एक सर्वे किया, जिसमें पता लगाने की कोशिश की गई कि किन स्थानों पर सबसे ज्यादा मच्छरों का लार्वा पाया जा रहा है.
Dengue prevention tips: राजधानी दिल्ली में मच्छरजनित (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया) बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. इसके रोकथाम और नियंत्रण के लिए दिल्ली नगर निगम ने हाल ही में एक सर्वे किया, जिसमें पता लगाने की कोशिश की गई कि किन स्थानों पर सबसे ज्यादा मच्छरों का लार्वा पाया जा रहा है. 400 कर्मचारियों द्वारा जुलाई में किए गए सर्वे में 64 फीसदी लार्वा कूलर और गमलों में मिला है. दोनों में भरे पानी में 32-32 फीसदी लार्वा पाया गया है.
निगम के अनुसार, डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए निगम लोगों को जागरूक कर रहा है. बावजूद इसके, लोग इसके प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. यहीं वजह है कि कूलर और फूलों व अन्य गमलों में 64 प्रतिशत लार्वा मिला है.
लोग गंभीर नहीं
दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कई जगह पाया गया कि घरों में रखे कूलरों में पानी भरा हुआ था, जिसे साफ करने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था. कुछ कूलर बंद पाए गए, लेकिन उनमें पानी मिला. ऐसी ही स्थिति फूलों व अन्य पौधों के गमलों में नजर आई. कई लोगों के घरों में बोतलों में मनी प्लांट के पौधे लगाए गए हैं, जिनका पानी कई दिनों तक नहीं बदला गया. इन्हीं कारणों से मच्छरों का लाव साफ पानी में पनपता है, जिसकी वजह से फैलती हैं. उन्होंने सलाह दी कि कूलर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. यहीं या बोतल का पानी तीसरे दिन जरूर बदला जाए.
ये सावधानियां बरतें
घर के आसपास या घर में पानी न जमा होने दें. गमलों, कूलर और रखे हुए टायर में पानी भर जाए तो इसे तुरंत निकाल लें.
कूलर में अगर पानी है तो इसमें कैरोसिन डालकर रखें, इससे मच्छर पनपने की संभावना कम हो जाती है.
पानी की टंकियों को खुला न छोड़े, अच्छी तरह से ढककर रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)