आखिर किस बीमारी का इलाज करा रहे थे Rishi Kapoor? जब अचानक मिलने पहुंच गई प्रियंका और सोनाली
बीमारी के मारे, ये सितारे: एक्टर ऋषि कपूर ने अपनी पहली फिल्म से ही बॉलीवुड को ब्लॉकबस्टर फिल्में देना शुरू कर दिया था. लेकिन जीवन के अंतिम समय में उन्होंने एक खतरनाक बीमारी से काफी लड़ाई की.
बीमारी के मारे, ये सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: ऋषि कपूर बॉलीवुड के सुपरस्टार थे. जिन्होंने पहली फिल्म से ही इंडस्ट्री को बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर देनी शुरू कर दी थी. लेकिन क्या आपको पता है कि एक्टर ऋषि कपूर अमेरिका में खतरनाक बीमारी का इलाज करा रहे थे. जहां उन से मिलने प्रियंका चोपड़ा और सोनाली बेंद्रे तक पहुंची थीं. दोनों ने ऋषि कपूर और नीतू कपूर के साथ एक दिल छूने वाली फोटो भी शेयर की थी. यही नहीं, बल्कि उनसे मिलने वहां कई एक्टर और एक्ट्रेस भी गए थे. दरअसल, ऋषि कपूर अमेरिका में ल्यूकेमिया (कैंसर) का इलाज करा रहे थे. जिसके कारण उनका निधन भी हुआ.
'बीमारी के मारे, ये सितारे' सीरीज के सभी आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
Leukemia Cancer: ल्यूकेमिया कैंसर क्या है?
वेबएमडी के मुताबिक, ल्यूकेमिया एक खून का कैंसर है. जिसमें खून के अंदर मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स तेजी और अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं. यह व्हाइट ब्लड सेल्स खून के अंदर मौजूद जरूरी रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को घेरकर खत्म करने लगती हैं. आपको बता दें कि खून के अंदर चार मुख्य चीजें होती हैं- व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स. इसमें व्हाइट ब्लड सेल्स संक्रमण से लड़ने व बचाने में मदद करती हैं. वहीं, रेड ब्लड सेल्स ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के दूसरे अंगों तक पहुंचाने की कोशिश करती हैं.
Leukemia Cancer Symptoms: ल्यूकेमिया कैंसर के लक्षण
Webmd के मुताबिक, ल्यूकेमिया कैंसर के विभिन्न प्रकार तरह-तरह के लक्षण विकसित करते हैं. जैसे-
थकान या कमजोरी
बुखार या ठंड लगना
बार-बार गंभीर संक्रमण होना
हड्डियों या जोड़ों में दर्द
सिरदर्द
आसानी से घाव होना
उल्टी
सोते हुए पसीना आना
सांस फूलना
लिंफ नोड्स में सूजन
दौरे पड़ना, आदि
ये भी पढ़ें: बीमारी के मारे, ये सितारे: सिर्फ 36 की उम्र में इस बीमारी ने ली थी 'हुस्न की मल्लिका' की जान, जानें लक्षण
ल्यूकेमिया में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ने के बावजूद क्यों होता है संक्रमण?
वेबएमडी के मुताबिक, ल्यूकेमिया में संक्रमण से लड़ने वाली व्हाइट ब्लड सेल्स तो बढ़ने लगती हैं. लेकिन, जिन व्हाइट सेल्स का विकास अनियंत्रित तरीके से होता है. वह सामान्य रूप से विकसित हुई व्हाइट ब्लड सेल्स जैसे संक्रमण से नहीं रोक पाती हैं. वह एक तरीके से निष्क्रिय सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं. दूसरी तरफ, यह ऑक्सीजन और पोषण ट्रांसपोर्ट करने वाली रेड ब्लड सेल्स को भी नष्ट करने लगती हैं. इसलिए, मरीज के लिए दिक्कतें खड़ी होने लगती हैं.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.