QR Code Pan Card: सरकार ने QR कोड वाले पैन कार्ड जारी करने के लिए रास्ता साफ कर दिया है. इससे टैक्स भरने वाले लोगों को आसानी होगी. इस पैन कार्ड से सभी शिकायतें जल्दी दूर होंगी.
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QR Code Pan Card: सरकार ने करदाताओं को क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये की एक परियोजना को मंजूरी दी है. यह परियोजना ‘स्थायी खाता संख्या’ (पैन) जारी करने की मौजूदा प्रणाली को सुधारने के मकसद से लाई गई है. पैन 2.0 परियोजना का मकसद सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है.
क्या है पैन?
पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक खास संख्या है. इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी कूटबद्ध रूप से शामिल किया जाता है. यह संख्या भारतीय करदाताओं को खास तौर से जारी की जाती है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सदारत में हुई बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई. इसके लिए 1,435 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय किया गया है.
नहीं बदलना होगा पैन
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले के बारे में संवाददाताओं से कहा कि कारोबारी प्रतिष्ठान पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाले तीन-चार अलग पहचानकर्ताओं के बजाय एक 'समान व्यवसाय पहचानकर्ता' की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूदा पैन वैध रहेगा और उन्हें अपना पुराना नंबर बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी. यह परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण को सक्षम बनाती है. इसका मकसद बेहतर गुणवत्ता के साथ पहुंच में आसानी और सेवा का त्वरित वितरण है.
दूर होंगी शिकायतें
पैन 2.0 परियोजना के दूसरे फायदों में आंकड़ों का एकल स्रोत और उनमें एकरूपता; पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाएं और लागत अनुकूलन और अधिक चपलता के लिए बुनियादी ढांचे की सुरक्षा एवं अनुकूलन शामिल हैं. पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम’ अनिवार्य होगा. साथ ही पैन 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पैन 2.0 परियोजना निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में पैन के उपयोग को सक्षम बनाएगी जो डिजिटल इंडिया में निहित सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
करदाताओं को होगी आसानी
यह परियोजना करदाताओं के बेहतर डिजिटल अनुभव के लिए पैन/टैन सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण के जरिये करदाता पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए लाई गई एक ई-गवर्नेंस परियोजना है. बयान के मुताबिक, यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 ढांचे का उन्नत रूप होगा जो मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों के साथ पैन सत्यापन सेवा को भी एकीकृत करेगा. सरकार के इस फैसले पर डेलॉयट इंडिया में साझेदार प्रीतिन कुमार ने कहा, "पैन 2.0 परियोजना डिजिटल कर प्रशासन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से मेल खाती है. यह एक स्वागतयोग्य कदम है." वर्तमान में लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं. इनमें से 98 प्रतिशत पैन व्यक्तियों को जारी किए गए हैं.