Cause of cancer: कैंसर एक जानलेवा और घातक बीमारी है, जो आजकल की समय की एक बड़ी समस्या बन गई है. पहले ये बीमारी बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलते थी, हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इसकी जद में तेजी से आ रहे हैं. यह चिंताजनक स्थिति है कि युवाओं के बीच कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके पीछे एक खास चीज का हाथ है- खराब लाइफस्टाइल. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सभी आयु वर्गों में 30-39 साल की उम्र के युवाओं में 2010 के मुकाबले 2019 में कैंसर के शुरुआती मामलों में सबसे अधिक 19.4 फीसदी की वृद्धि हुई है. जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन से यह खुलासा हुआ है. अध्ययन के अनुसार युवाओं कैंसर के लिए मोटापा, शराब पीना, धूम्रपान, खराब नींद और गतिहीन रहना जैसे जीवनशैली से जुड़े कारण जिम्मेदार हैं. कार्सिनोजेनिक रसायनों के संपर्क सहित पर्यावरणीय बदलाव भी कैंसर के मामले बढ़ा रहे हैं. अध्ययन के अनुसार सबसे तेज वृद्धि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर में हुई है.


भारत में 2025 तक होंगे 15.7 लाख मरीज
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम की ओर से इसी साल जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में कैंसर के मामलों की संख्या 2022 में 14.6 लाख से बढ़कर 2025 में 15.7 लाख होने का अनुमान है. इसमें बताया गया है कि भारत में हर नौ में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की आशंका है. इसमें फेफड़े और स्तन कैंसर से प्रभावित होने वाले पुरुषों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी. बचपन (0-14 वर्ष) के कैंसर में, लिम्फोइड ल्यूकेमिया के मामले सबसे अधिक पाए गए. 2020 की तुलना में 2025 में कैंसर के मामलों में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है.


17 संस्थानों के आंकड़े
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के बेंजामिन कोह और उनके सहयोगियों ने 17 राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के डाटा सहित जनसंख्या-आधारित अध्ययन में 2010 से 2019 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में शुरुआती कैंसर (50 वर्ष से कम) की घटनाओं में पैटर्न का अध्ययन किया. अध्ययन में प्रारंभिक कैंसर वाले 5.62 लाख से अधिक रोगियों का डाटा शामिल किया गया.