Cancer sign in early stage: कैंसर का पता चलना अक्सर देर से होता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है. लेकिन नई रिसर्च की रोशनी में एक बड़ी उम्मीद जगी है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भविष्य में एक ब्लड टेस्ट के जरिए 19 तरह के कैंसर का पता 7 साल पहले ही चल सकेगा. ये रिसर्च ब्रिटेन के नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई है.


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यूके बायोबैंक के 44,000 से ज्यादा लोगों के खून के नमूनों का विश्लेषण किया गया. इनमें से 4,900 लोगों को बाद में कैंसर हुआ था. रिसर्च टीम ने खून के 1463 प्रोटीनों की जांच की. यह पता लगाने के लिए कि कौन से प्रोटीन कैंसर के खतरे से जुड़े हो सकते हैं, शोधकर्ताओं ने उन लोगों के नतीजों की तुलना की जिन्हें कैंसर नहीं हुआ था, उन लोगों के नतीजों से जिन्हें बाद में कैंसर हुआ था. इस तुलना से वैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि प्रोटीनों में कोई अंतर है या नहीं.


किन-किन कैंसर का कैंसर का खतरा?
अध्ययन में पाया गया कि 618 प्रोटीन 19 तरह के कैंसर से जुड़े हुए थे, जिनमें आंत, फेफड़े, नॉन-हॉजकिन लिंफोमा और लिवर कैंसर शामिल हैं. हालांकि, अभी और शोध की जरूरत है. फिलहाल ये शुरुआती दौर का अध्ययन है और इसे व्यापक तौर पर परखा जाना बाकी है. फिर भी, ये रिसर्च कैंसर के शुरुआती पता लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अगर वैज्ञानिक इस खून की जांच को और विकसित करने में सफल होते हैं, तो यह कैंसर से होने वाली मौतों को काफी कम कर सकता है.


एक्सपर्ट का बयान
कैंसर रिसर्च यूके में रिसर्च और इनोवेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. इयान फॉल्क्स ने कहा कि यह शोध कैंसर के शुरुआती पता लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. हम मानते हैं कि भविष्य में इस टेस्ट को व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि कैंसर का इतनी जल्दी पता चलने पर इलाज के नतीजे बेहतर होंगे या नहीं. इस पर भी आगे रिसर्च की जरूरत है. लेकिन इतनी जल्दी कैंसर का पता चलना मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत बना सकता है और उन्हें जल्दी से जल्दी इलाज शुरू करने का मौका दे सकता है.