त्वचा संबंधी बीमारी सोरायसिस को लेकर किए गए एक शोध में चौंकाने वाला परिणाम मिला है. ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने सोरायसिस के मरीजों के लिए राइजेनकी जुमैब नाम की दवा का आंत संबंधी क्रोहन (सूजन आंत्र रोग) बीमारी के खिलाफ सकारात्मक असर खा है. ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने जानकारी दी है कि क्रोहन रोग से पीड़ित जिन मरीजों की शल्य चिकित्सा की जानी थी, उन पर जब सोरायसिस की दवा का परीक्षण किया गया, तब उसका लाभ आंत संबंधी बीमारी पर दिखा. अब स्वास्थ्य प्रमुखों ने राइजेनकी जुमैब को क्रोहन बीमारी के खिलाफ उपयोग करने की स्वीकृति दे दी है.


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शोधकर्ताओं के अनुसार, यह दवा क्रोहन रोग की वजह से क्षतिग्रस्त प्रतिरक्षी कोशिकाओं को अवरुद्ध कर देती हैं, जिससे मरीज को फायदा मिलता है. शोधकर्ताओं ने 100 मरीजों पर यह शोध किया है. यानी अब कई मरीज न केवल ऑपरेशन से बच सकते हैं, बल्कि उन्हें पेट में अपशिष्टों को एकत्रित करने के लिए थैला भी नहीं लगाना होगा.


दो अध्ययनों में भी दवा को माना फायदेमंद
अंतरराष्ट्रीय स्तर के दो बड़े अध्ययनों में सोरायसिस की दवा राइजेनकी जुमैब को प्रभावकारी पाया गया है. पिछले साल दि लैंसेट में बताया गया कि जिन मरीजों ने सोरायसिस की दवा ली, उनमें से आधे मरीजों में क्रोहन के लक्षण नियंत्रित हो गए. एक और अध्यन में बताया गया कि सोरायसिस की दवा लेने वाले आधे मरीजों को एक साल बाद दवा लेने की जरूरत महसूस नहीं हुई.


मरीजों का ऑपरेशन जरूरी नहीं
शोधकर्ताओं के अनुसार, पहली बार में ज्यादातर मरीजों को स्टेरॉयड और दूसरी तरह की प्रतिरक्षा दवाएं दी जाती हैं. हालांकि इन दवाओं की वजह से मरीजों में वजन का बढ़ना, अपच और गंभीर संक्रमण जैसे साइड इफेक्ट होने की आशंका बढ़ती है. शोधकर्ताओं ने बताया कि ज्यादातर मरीजों को लंबे समय तक स्टेरॉयड नहीं लेने की सलाह दी जाती है. अब शोधकर्ताओं ने पाया कि सोरायसिस से शरीर की त्वचा पर होने वाले खुजली वाले लाल धब्बों और सोरायसिस ऑर्थराइटिस के उपचार में राइजेनकी जुमैब नाम की दवा प्रभावकारी होती है, जिसके दूसरे फायदे भी नजर आए हैं.