Cancer prevention: महिलाओं में कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं लाइफस्टाइल के ये बदलाव, जरूर दें इनपर ध्यान
Cancer prevention in women: स्तन और सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं को प्रभावित करने वाले दो सबसे आम कैंसरों में से हैं. कुछ हेल्दी लाइफस्टाइल महिलाएं में कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं.
Cancer prevention in women: आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, महिलाएं अक्सर विभिन्न तनाव के बीच अपनी सेहत का अच्छी तरह ध्यान नहीं रख पाती हैं. हालांकि, साधारण लाइफस्टाइल में छोटे से बदलाव व स्क्रीनिंग जैसी सुविधाएं कैंसर की तरह कई बड़ी बीमारियों से बचाव में मदद कर सकती हैं. स्तन और सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं को प्रभावित करने वाले दो सबसे आम कैंसरों में से हैं और कैंसर इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में इन दोनों कैंसरों ने भारतीय महिलाओं में नए कैंसर मामलों के अधिकतम 40% से अधिक के योगदान किया.
तेजी से बढ़ते इस आंकड़े को तभी रोका जा सकता है, जब महिलाएं नियमित रूप से कैंसर की शुरुआती जांच के लिए आगे आएं. हालांकि दुख की बात है कि नियमित हेल्थ और कैंसर की जांच कई महिलाओं के लिए मौजूद नहीं है. अंतिम चरण के कैंसर के उपचार का एक महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक प्रभाव होता है, और भारत में कुल कैंसर के 70% मामलों में परिवर्तनीय और रोकथाम योग्य रिस्क फैक्टर होते हैं. दूसरे शब्दों में, एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के कुल मामलों में से 70% रोकथाम सही जांच और हेल्दी लाइफस्टाइल ऑप्शन के माध्यम से टाले जा सकते थे. आज हम कुछ हेल्दी लाइफस्टाइल टिप्स बताएंगे, जिससे महिलाएं में कैंसर को रोकने में मदद मिलेगी.
स्वस्थ वजन
अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने से स्तन, ओवेरियन और गर्भाशय के कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से इस खतरे को कम कर सकते हैं.
नियमित व्यायाम
नियमित शारीरिक गतिविधि स्तन और पेट के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है. हफ्ते के 5 दिन कम से कम 30 मिनट का मध्यम व्यायाम करने का लक्ष्य रखें, जैसे तेज चलना.
हेल्दी डाइट
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर डाइट कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है. महिलाओं को प्रोसेस्ड और रेड मीट, मीठे फूड और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करना चाहिए.
नियमित जांच
मैमोग्राम और पैप टेस्ट जैसी नियमित जांच से कैंसर का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जब इसका इलाज संभव हो.
धूम्रपान छोड़ें
धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है, लेकिन यह सर्वाइकल और ब्लैडर कैंसर सहित कई अन्य प्रकार के कैंसर से भी जुड़ा हुआ है. धूम्रपान छोड़ना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो महिलाएं कैंसर के अपने जोखिम को कम करने के लिए कर सकती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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