Cancer symptoms in hindi: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही रूह कांप जाती है और भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि कभी किसी को इसकी चपेट में न आना पड़े. हालांकि, पिछले कुछ दशकों में देखा गया है कि यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. जहां कुछ लोग कैंसर की जंग हार जाते हैं, कुछ लोग उसे मात देकर नई जिंदगी का आगाज करते हैं.


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कई बार कुछ लोग कैंसर के शुरुआती लक्षण नहीं भांप पाते हैं. इस वजह से उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह जान लेना हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि आखिर कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं? कैंसर कितने प्रकार के होते हैं? कैंसर को कैसे मात दिया जा सकता है?


फोर्टिस अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक एवं मेडिकल ऑन्कोलॉजी के प्रमुख डॉ. सुहैल कुरैशी ने बताया कि इस बात को बिल्कुल खारिज नहीं किया जा सकता है कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है. लेकिन, अगर समय रहते इसके शुरुआती लक्षण पहचान लिए गए, तो इसका उपचार भी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते मैं यही कहना चाहूंगा कि आप कैंसर को लेकर पहले तो अपने मन से डर को निकाल दें, क्योंकि जब आप किसी बीमारी को लेकर मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार रहते हैं, तो डॉक्टर उसका बेहतर उपचार कर पाते हैं.


कैंसर के शुरुआती लक्षण
डॉ. सुहैल कुरैशी ने कैंसर के शुरुआती लक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि यहां आपको यह समझना होगा कि अलग-अलग कैंसर में अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं. लेकिन, कई बार यह देखने को मिला है कि लोग इन लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं. मिसाल के तौर पर अगर ब्रेस्ट कैंसर की बार करें, तो इसमें बहुत ही सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं. जैसे की शुरुआती दौर में ब्रेस्ट कैंसर में गांठ देखा जा सकता है या ब्रेस्ट के निपल से कुछ डिस्चार्ज होना या ब्रेस्ट के निप्पल का लाल हो जाना या एक ब्रेस्ट का साइज दूसरे ब्रेस्ट से अलग होना. ये कुछ शुरुआती लक्षण ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में देखने को मिल सकते हैं.


डॉ. सुहैल ने आगे कहा कि इसी प्रकार से फूड पाइप के कैंसर में आमतौर पर देखा जाता है कि खाना अटक जाता है. खाना नीचे न जा पाना, पानी का नीचे न जा पाना, खाने को निगलने में दिक्कत होना, खून की उल्टी होना, वजन का कम होना, उल्टी होना, भूख का कम लगना, यह सब पेट के कैंसर के लक्षण होते हैं. उन्होंने बताया कि शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ का होना या सूजन आना, बगैर किसी कारण के वजन घटना, जैसे लक्षण कैंसर के हो सकते हैं. लेकिन, इस बात का ध्यान रहे कि यह लक्षण दूसरी बीमारियों के भी हो सकते हैं. इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें.


कितने प्रकार के होते हैं कैंसर?
डॉ. सुहैल के अनुसार, कैंसर कई प्रकार के होते हैं. कुछ कैंसर बहुत तेजी से फैलते हैं, जिनका उपचार जल्दी करना पड़ता है. बल्कि कुछ अन्य कैंसर बहुत धीमी रफ्तार से फैलते हैं जिनका ओरल टेबलेट के जरिए भी उपचार किया जा सकता है. आमतौर पर कैंसर के प्रकार इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आप शरीर के किस अंग की बात कर रहे हैं.


डॉ. सुहैल ने कहा कि कैंसर के शुरुआती लक्षण किसी मरीज में देखे जाने पर उसे सबसे पहले इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि यह कैंसर है या नहीं. इसके लिए पूरी बॉडी का स्कैन कराना होगा. इसमें बीमारी के लेवल का पता चलता है कि बीमारी कहां-कहां फैली हुई है. इसके अलावा, बायोप्सी टेस्ट भी किया जाता है, जिससे मरीज में कैंसर की पुष्टि होती है। इससे यह भी पता चल जाता है कि शरीर में किस प्रकार का कैंसर है. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच में एक मिथ्या है कि बायोप्सी करने से कैंसर फैल जाता है. लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. हां, कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जिसमें हमें बायोप्सी की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें हम ब्लड टेस्ट के जरिए यह पता लगा लेते हैं कि शरीर में कैंसर है या नहीं.


क्या ठीक होने बाद दोबारा कैंसर हो सकता है?
डॉ. सुहैल ने बताया कि कुछ कैंसर काफी अग्रेसिव होते हैं. तो ऐसे में इस बात की संभावना रहती है कि वह दोबारा अटैक कर दें. इसलिए समय-समय पर आपको जांच करानी चाहिए. आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. कैंसर से बचने के लिए हम अपनी लाइफस्टाइल में किस तरह के बदलाव कर सकते हैं, इसके बारे में उन्होंने कहा कि सिगरेट पीना, दारू पीना और पान मसाला का इस्तेमाल बिल्कुल न करें. इसकी बजाय पोषण से भरपूर डाइट का सेवन करें. 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.