माता-पिता बनना दुनिया के सबसे खूबसूरत एहसास में शामिल है, लेकिन कई बार परेशानियों की वजह से मां बनने में मुश्किल भी आती हैं. इसके लिए कपल्स कई तरह की तकनीक और विकल्पों का सहारा लेते हैं जिनमें एक है सरोगेसी. आजकल के दौर में इस तकनीक से बच्चे पैदा करना आम बात हो गई है.


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सरोगेसी उन जोड़ों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो किसी भी तरह की परेशानी की वजह से मां-बाप नहीं बन सकते हैं. ऐसे में किसी ऐसी महिला को चुना जाता है जो बच्चे को 9 महीने तक कोख में पाल सके और जन्म के बाद उसे आपको सौंप सके, जिन्हें सरोगेट मदर कहा जाता है. हालांकि, भारत में सरोगेसी की मदद लेना अब उतना आसान नहीं है.


सरोगेसी क्या है?
सरोगेसी उस पूरी प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें कोई कपल अपना बच्चा पैदा करने के लिए दूसरी महिला की कोख की मदद लेता है. आसान भाषा में इसे उधार ली गई कोख भी कहा जा सकता है. इस तकनीक का सहारा वो महिलाएं ले सकती हैं जो खुद मां नहीं बन सकतीं. सरोगेसी से पहले कोख में बच्चा पालने वाली महिला और सरोगेसी करवाने वाले कपल में कानूनी समझौता भी होता है.


कई बॉलीवुड हस्तियों ने ली सरोगेसी की मदद 
बॉलीवुड की बात करें तो बहुत से ऐसे एक्टर और एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अपने परिवार को बढ़ाने के लिए सरोगेसी का सहारा लिया. शाहरुख खान जब अपने तीसरे बच्चे अब्राम के पिता बने तब वो 47 साल के थे और गौरी भी 40 की उम्र पार कर चुकी थीं. इनके अलावा, आमिर खान और किरन राव ने अपने बच्चे आजाद के जन्म के लिए सरोगेसी का सहारा लिया. वहीं, फिल्ममेकर करण जौहर ने शादी नहीं की लेकिन साल 2017 में वो दो बच्चों यश और रूही के पिता बने. प्रियंका चोपड़ा और सिंगर निक जोनस ने भी पैरेंट्स बनने के लिए सरोगेसी का सहारा लिया.


लेकिन इन फिल्म स्टार्स ने सरोगेसी का ये फैसला अगर आज लिया होता तो इसमें मुश्किल आ सकती थी. क्योंकि देश में सरोगेसी को लेकर बनाए गए नियम सख्त कर दिए गए हैं, जिसकी वजह से कपल्स सरोगेसी से पैरेंट बनने की अपनी इच्छा के लिए विदेश जा रहे हैं.


किराए की कोख के लिए विदेश क्यों जा रहे लोग?
भारत में सरोगेसी अब आसान नहीं है क्योंकि सरकार ने देश में इसको लेकर नियम बदल दिए हैं. ऐसे में जो कपल्स मां-बाप बनने के लिए सरोगेसी को एक ऑप्शन के तौर पर देख रहे थे, उनके लिए उधार की कोख में बच्चे को पालकर जन्म देना आसान नहीं होगा. सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि भारत में सरोगेसी का मौजूदा नियम क्या कहता है.


भारत में सरोगेसी के क्या नियम हैं?
लीगल एक्सपर्ट चारूवाली खन्ना ने बताया कि सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 में हुई सख्ती के बाद अब सरोगेसी करवाने के लिए जोड़े को अपनी रिश्तेदारी में ही सरोगेट मदद ढूंढनी होगी. इसके अलावा, कपल सरोगेट मदर को सरोगेसी के लिए कोई पैसा नहीं दे सकेगा. इन नियमों की सख्ती के बाद से मां-बाप बनने की इच्छा रखने वाले कप दूसरे रास्ते तलाश रहे हैं और इसलिए वो विदेश का रुख कर रहे हैं. लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरोगेसी के नियमों में सुधार की बेहद गुंजाइश बाकी है.


गाइनेकोलॉजिस्ट अर्चना धवन बजाज के मुताबिक आज भी ऐसे कपल्स की संख्या बेहद ज्यादा है, जो मेडिकल कंडीशन्स की वजह से पैरेंट्स नहीं बन पा रहे और सरोगेसी से बच्चे को जन्म देना चाहते हैं, ऐसे में सरोगेसी कानून में संशोधन उनके लिए मुश्किल साबित होगा.


भारत में कौन करवा सकता है सरोगेसी?
विवाहित जोड़े सरोगेसी की मदद ले सकते हैं. लेकिन ऐसा वो सिर्फ तब कर सकते हैं जब किसी मेडिकल इशू की वजह से उनका पैरेंट्स बनना असंभव है. विधवा या तलाकशुदा महिला सरोगेसी का सहारा ले सकती हैं लेकिन इसके लिए उन महिलाओं पर दो शर्तें लागू होंगी, पहली ये कि उनकी उम्र 35 से 45 के बीच होनी चाहिए और दूसरी ये कि सरोगेसी के लिए उन्हें अपने ही अंडे का इस्तेमाल करना होगा.


भारत में सरोगेसी की मदद कौन नहीं ले सकता
अविवाहित व्यक्ति इसके दायरे से बाहर हैं. यानी अगर आप सिंगल हैं और पैरेंट बनना चाहते हैं तो अब आप सरोगेसी नहीं करवा सकेंगे. साथ ही जो कपल्स लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं वो भी सरोगेसी का सहारा नहीं ले पाएंगे.वहीं LGBTQ या मां-बाप बनने की इच्छा रखने वाले समलैंगिक जोड़े सरोगेसी से पैरेंट नहीं बन सकते.