Booster dose for covid JN.1 variant: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. पिछले कुछ दिनों में कोविड के नए मामलों में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. केरल समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. फिलहाल देशभर में कोविड के एक्टिव मरीजों की संख्या 2300 से अधिक हो गई है.


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एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय कोविड के नए सब स्ट्रेन जेएन.1 पर नजर रखनी होगी. जिस इलाके में इस स्ट्रेन का केस आया है, वहां जीनोम सीक्ववेंसिंग बढ़ाने की जरूरत है. सीक्वेंसिंग से ही पता चल पाएगा कि कितने मरीजों में यह वेरिएंट है. अगर ये वेरिएंट अधिक लोगों में पाया जा रहा है तो आने वाले दिनों में कोरोना के और मामले बढ़ेंगे. फिलहाल कोविड मरीजों में हल्के लक्षण ही मिल रहे हैं, लेकिन फिर भी मरीजों की लगातार निगरानी रखने की जरूरत है. यह भी देखना होगा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में कोविड के लक्षण गंभीर तो नहीं है और अस्पतालों में इजाफा तो नहीं हो रहा है.


वैक्सीनेशन की है जरूरत?
बीते 6 महीनों में देश में कोरोना के मामले कम होने के कारण वैक्सीनेशन भी कम हुआ है. अब जब मामले बढ़ रहे हैं, तो लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या बूस्टर डोज लगवाना जरूरी है? इस पर एक्सपर्ट बता रहे हैं कि कोरोना के कुछ मामले हमेशा आते रहेंगे. यह कभी नहीं होगा कि एक भी केस न आए. हालांकि, अब कोरोना की मारक क्षमता कम हो गई है. यह वायरस कम्यूनिटी में मौजूद है, लेकिन उतना प्रभावी नहीं है. इसलिए, बूस्टर डोज के बारे में लोगों को अपने हिसाब से निर्णय लेना होगा. जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें वैक्सीनेशन पर ध्यान देना चाहिए. हालांकि, फिलहाल यह देखना होगा कि मामले कितने बढ़ रहे हैं और मरीजों में लक्षण कैसे हैं.


रहें सतर्क
डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को कोविड के प्रति सतर्क रहना चाहिए. इस समय दुनिया के कई देशों में कोरोना के साथ अन्य सांस की बीमारियों के मामले भी बढ़ रहे हैं. भारत में भी सर्दियों के मौसम में इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के केस आते हैं. अब कोरोना भी बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को सलाह है कि वह अपनी सेहत का ध्यान रखें. भीड़ वाले इलाके में मास्क लगाएं और हैंड हाइजीन का ध्यान रखें.