दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से जहरीली हवा ने लोगों का जीना मुश्किल करके रखा है. प्रदूषण के गंभीर स्तर के बीच सांस लेना भी खतरे से खाली नहीं है. इस माहौल में कई लोग नॉर्मल सर्जिकल या कपड़े के मास्क पहनकर खुद को सुरक्षित मान रहे हैं. लेकिन क्या ये मास्क वाकई में आपकी सेहत को बचा सकते हैं?


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यूसीएमएस और गुरु तेग बहादुर अस्पताल के डॉ. रजत शर्मा ने साफ तौर पर बताया कि सर्जिकल और कपड़े के मास्क प्रदूषण के खतरनाक कणों को रोकने में नाकाम साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की दमघोंटू हवा में पीएम2.5 और पीएम10 जैसे सूक्ष्म कण होते हैं, जो नॉर्मल मास्क से आसानी से गुजर सकते हैं. ये कण सीधे फेफड़ों तक पहुंचकर गंभीर श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं.


एन95 मास्क यूज करें
डॉ. रजत ने बताया कि एन95 मास्क इस स्थिति में सबसे प्रभावी है. यह मास्क पीएम2.5 और पीएम10 जैसे सूक्ष्म कणों को फिल्टर करने में सक्षम होता है. हालांकि, इसे सही तरीके से पहनना बेहद जरूरी है. अगर मास्क चेहरे पर सही से फिट न हो, तो इसका असर कम हो जाता है.


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मास्क का नियमित रूप से बदलना जरूरी
डॉ. रजत ने यह भी चेतावनी दी कि एन95 मास्क को बार-बार इस्तेमाल करने से उसकी फिल्टरिंग क्षमता कम हो जाती है. इसलिए इसे नियमित रूप से बदलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि लोगों को मास्क के इस्तेमाल के साथ-साथ घर के अंदर खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने चाहिए. एचईपीए फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग भी प्रभावी हो सकता है.


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पानी पीते रहें और खुद को हाइड्रेटेड रहें
सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. उज्ज्वल पारख ने कहा कि शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है. प्रदूषण से शरीर पर पड़ने वाले नुकसान को कम करने के लिए खूब पानी पिएं. इसके साथ ही, फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे मरीज नियमित दवाइयों का सेवन करना न भूलें. विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि प्रदूषण से बचने के लिए ये छोटे उपाय कारगर हैं, लेकिन इस संकट का स्थायी समाधान लंबे समय तक प्रयास और स्ट्रैटेजिक प्लान से ही संभव है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.