Dengue in Delhi: बारिश और बाढ़ के बाद दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में डेंगू के मामले (dengue cases) तेजी से सामने आ रहे हैं. इसी बीच डेंगू का एक खतरनाक स्ट्रेन राजधानी दिल्ली में पैर पसार रहा है. फिलहाल इसकी स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन सावधानी नहीं बरती गई तो कहानी कुछ और भी हो सकती है. आपको बता दें कि डेंगू के चार (डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4) अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं, जिसमें से डेन-2 स्ट्रेन खतरनाक होता है. दिल्ली में जांच के दौरान डेंगू के डेन-2 स्ट्रेन संक्रमण की पुष्टि हुई है. इस दौरान मरीज को हेमरेजिक बुखार होना खतरनाक माना जाता है. 


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आपको बता दें कि डेंगू के डेन-1 और डेन-3 स्ट्रेन हल्के लक्षणों वाला होता है, जबकि डेन-2 गंभीर होता है. वहीं,  डेन-4 दक्षिण भारत के हिस्सों में पाया जाता है. दिल्ली में जो स्ट्रेन मिला है, उसमें मरीज को बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों के नीचे दर्द, सिर में तेज दर्द होने, खुजली और मांसपेशियों में दर्द के लक्षण महसूस होते हैं. ये लक्षण कुछ हद तक चिकनगुनिया जैसा लगता है.


हेमरेजिक बुखार है बेहद खतरनाक
हेमरेजिक बुखार होने पर स्थिति भयानक हो सकती है. इस स्थिति में प्लेटलेट्स की कमी होती है, जिससे शरीर के अंदर और बाहरी हिस्सों में ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही पेट में दर्द भी बढ़ जाता है और नाक, मसूड़े, उल्टी व मल के रास्ते से खून आने लगता है. वहीं, त्वचा के नीचे चकत्ते भी बन जाते हैं. इस तरह की स्थिति में डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन भी खतरनाक होता है और मरीज शॉक सिंड्रोम की स्थिति में चला जाता है. ब्लड प्रेशर एकदम से कम होने लगता है.


अगर पहले डेंगू हुआ तो ज्यादा सावधानी बरतें
जिन भी लोगों को 2-3 साल पहले डेंगू हुआ था, उन्हें ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा जिन लोगों को पहले कभी 2-3 बार डेंगू हो चुका है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोगों में संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पहले से बनी होती है(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)