Dengue Virus: दिल को इन दो तरीकों से नुकसान पहुंचा रहा डेंगू वायरस, हो भी सकती है मौत
हाल में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि डेंगू का वायरस दिल की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है. अध्ययन के अनुसार, डेंगू वायरस दिल की मांसपेशी में सूजन पैदा कर सकता है.
डेंगू एक आम मौसमी बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है. इस बीमारी में शरीर के प्लेटेलेट्स काउंट कम होने लगते है और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. गंभीर मामलों में, डेंगू हेमोरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम का कारण बन सकता है. वहीं, हाल में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि डेंगू का वायरस दिल की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है. दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने डेंगू की वजह से दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित हुए कई मरीजों की केस स्टडी पर यह अध्ययन प्रकाशित किया है.
हिन्दुस्तान में छपी एक खबर के अनुसार, यह शोध डॉक्टर रितिका सूद, निहारिका अग्रवाल और डॉक्टर गौरव मित्तल के नेतृत्व में क्यूरियस जर्नल में प्रकाशित हुआ है. डॉक्टर के अनुसार, डेंगू वायरस दिल की मांसपेशी (मायोकार्डियम) में सूजन पैदा कर सकता है. इससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और हार्ट फेल भी हो सकता है. इसके अलावा, डेंगू वायरस दिल की धमनियों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
जानलेवा है मायोकार्डिटिस
मायोकार्डिटिस एक गंभीर स्थिति है, जो दिल की मांसपेशियों में सूजन का कारण बनती है. यह सूजन दिल को खून पंप करने में मुश्किल बना सकती है, जिससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, सीने में दर्द हो सकता है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. गंभीर मामलों में, मायोकार्डिटिस हार्ट फेल्योर या दिल का दौरा पड़ सकता है. अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि डेंगू का वायरस मायोकार्डिटिस का कारण बन सकता है. दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती डेंगू के मरीजों में 4.2% को मायोकार्डिटिस था.
वॉल्व और मांसपेशियों पर असर
डेंगू वायरस दिल की धमनियों, वॉल्व और मांसपेशियों को भी प्रभावित कर सकता है. वॉल्व में सूजन होने से दिल को खून पंप करने में मुश्किल हो सकती है. मांसपेशियों में सूजन से दिल की शक्ति कम हो सकती है. डेंगू के गंभीर मरीजों में ईसीजी में बदलाव दिखने पर दिल का एमआरआई और स्ट्रेस इको टेस्ट भी महत्वपूर्ण हो जाता है. ये टेस्ट दिल की सेहत का आकलन करने में मदद करते हैं.