डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं युवा, एक्सपर्ट से जानें किस तरह से लाइफस्टाइल बन रही है खतरनाक!
पारंपरिक रूप से डायबिटीज को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में यह स्थिति तेजी से बदल रही है. अब टाइप 2 डायबिटीज के मामले युवाओं, किशोरों और यहां तक कि बच्चों में भी बढ़ते नजर आ रहे हैं.
पारंपरिक रूप से डायबिटीज को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में यह स्थिति तेजी से बदल रही है. अब टाइप 2 डायबिटीज के मामले युवाओं, किशोरों और यहां तक कि बच्चों में भी बढ़ते नजर आ रहे हैं. कई कारक इस खतरनाक प्रवृत्ति में योगदान दे रहे हैं, जिनमें लाइफस्टाइल में बदलाव, खानपान की आदतें और पर्यावरणीय प्रभाव शामिल हैं.
दिल्ली स्थित सीके बिड़ला अस्पताल (आर), में इंटरनल मेडिसीन की डायरेक्टर डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कई रिस्क फैक्टर के बारे में बताया. आइए इन पर एक बार नजर डालें.
1. निष्क्रिय लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधि की कमी
डायबिटीज के बढ़ते मामलों का एक बड़ा कारण युवाओं की निष्क्रिय लाइफस्टाइल है. स्मार्टफोन, वीडियो गेम और स्ट्रीमिंग सेवाओं का व्यापक उपयोग उन्हें घंटों बैठाए रखता है, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि घटती जा रही है. इस तरह की निष्क्रियता से वजन बढ़ता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनता है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है.
2. अनहेल्दी खानपान की आदतें
खानपान की आदतों में आए बदलाव भी इसका एक बड़ा कारण हैं. युवाओं के बीच प्रोसेस्ड फूड, शुगर ड्रिंक्स और फास्ट फूड का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. इन फूड्स में चीनी और हानिकारक फैट अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है. लंबे समय तक ऐसे भोजन का सेवन मोटापा और मेटाबॉलिक विकारों का कारण बन सकता है, जो डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं.
3. मोटापे की महामारी
युवाओं में बढ़ता मोटापा भी डायबिटीज के बढ़ते मामलों से जुड़ा हुआ है. मोटापा, खासकर पेट के आसपास की चर्बी, इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है. अस्वस्थ खानपान और व्यायाम की कमी के कारण अधिक युवा मोटापे का शिकार हो रहे हैं, जो डायबिटीज का एक प्रमुख कारण है.
4. जेनेटिक प्रभाव और पारिवारिक इतिहास
जेनेटिक कारण भी डायबिटीज में भूमिका निभाते हैं. जिन युवाओं के परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, वे विशेष रूप से जोखिम में होते हैं, खासकर अगर उनकी लाइफस्टाइल भी अस्वस्थ है.
5. तनाव और नींद की कमी
आधुनिक जीवन की भागदौड़, पढ़ाई का तनाव और अपर्याप्त नींद भी डायबिटीज के बढ़ते मामलों में योगदान कर रहे हैं. इनसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे वजन बढ़ता है और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है.
रोकथाम के उपाय
युवाओं में डायबिटीज को रोकने के लिए संतुलित खानपान, नियमित शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना जरूरी है. माता-पिता, स्कूल और समुदाय को मिलकर स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.