आजकल डायबिटीज एक आम बीमारी बनती जा रही है. खराब लाइफस्टाइल, अस्वस्थ भोजन और व्यायाम की कमी को अक्सर डायबिटीज के लिए जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रदूषित हवा भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है?


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हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि वायु प्रदूषण डायबिटीज के खतरे को 25% तक बढ़ा सकता है. यह अध्ययन, जो 'जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनॉलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म' में प्रकाशित हुआ है, भारत के 10 शहरों में 50,000 से अधिक लोगों पर किया गया था. अध्ययन में पाया गया कि जो लोग लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहते थे, उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा उन लोगों की तुलना में 25% अधिक था जो स्वच्छ हवा वाले क्षेत्रों में रहते थे.


वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि वायु प्रदूषण में मौजूद हानिकारक कण पैंक्रियास को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो इंसुलिन का उत्पादन करता है. इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो शरीर को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे अध्ययन से पता चलता है कि वायु प्रदूषण डायबिटीज के खतरे का एक महत्वपूर्ण फैक्टर हो सकता है. यह पब्लिक हेल्थ के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, खासकर भारत जैसे देशों में जहां वायु प्रदूषण का लेवल बहुत अधिक है.


शोधकर्ताओं ने आगे कहा कि इस अध्ययन के परिणामों से हमें वायु प्रदूषण को कम करने और डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी. यह अध्ययन डायबिटीज के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकता है और लोगों को अपनी सेहत की रक्षा के लिए वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय करने के लिए प्रेरित कर सकता है.


यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको वायु प्रदूषण से बचने में मदद कर सकते हैं:


  • घर के अंदर रहें: जब वायु प्रदूषण का लेवल अधिक हो, तो जितना हो सके घर के अंदर रहने की कोशिश करें.

  • एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: यदि आप घर के बाहर निकलना चाहते हैं, तो N95 मास्क पहनें या एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें.

  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: निजी वाहन चलाने के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का उपयोग करें.

  • पेड़ लगाएं: पेड़ हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं, इसलिए अपने घर और आसपास के क्षेत्रों में पेड़ लगाएं.