Morning headache: क्या आप कभी तेज सिरदर्द के साथ सुबह उठे हैं? आपके साथ ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं. सिरदर्द के साथ दिन की शुरुआत करना कठिन होता है. दर्द आपकी एनर्जी और प्रयास को खत्म कर देता है जिसका उपयोग आप पूरे दिन किसी प्रोडक्टिव काम में कर सकते थे. लोग विभिन्न प्रकार के सिरदर्द का अनुभव करते हैं जैसे माइग्रेन, क्लस्टर सिरदर्द, हिप्निक सिरदर्द, तनाव सिरदर्द, आदि. स्वास्थ्य स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, व्यक्ति को उन विभिन्न कारणों को जानना चाहिए जो सिरदर्द का कारण बन सकते हैं.


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पर्याप्त नींद नहीं लेना: यदि आप रात में पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो संभावना है कि सुबह आपके सिर में दर्द होगा. जो लोग लंबे समय तक नींद से वंचित रहते हैं, उन्हें नियमित सिरदर्द हो सकता है, खासकर सुबह के समय. इस समस्या को ठीक करना और इसके लिए दवा लेना महत्वपूर्ण है.


ज्यादा सोना: अधिक सोने से भी सिरदर्द हो सकता है. अधिक सोने से नेचुरल सर्कैडियन लय बाधित होती है और नींद का चक्र बाधित होता है.


एंग्जाइटी: डिप्रेशन और एंग्जाइटी से माइग्रेन विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. डिप्रेशन पर्याप्त नींद के घंटे भी कम कर देता है. माइग्रेन और अन्य तीव्र सिरदर्द का सीधा संबंध मूड से होता है. यदि आपको मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें और दवाएं लें.


स्लीप एपनिया: स्लीप एपनिया का मतलब सोते समय सांस लेने में रुकावट आना. इस स्वास्थ्य जटिलता की विशेषता खर्राटे लेना है, जिसमें रात भर रुक-रुक कर सांसें रुकती हैं, जिससे नींद में खलल पड़ता है. रात में कम सोने से जागने पर सिरदर्द होने लगता है.


गर्दन की मसल्स में खिंचाव: गलत तरीके से सोने से गर्दन की मसल्स पर अत्यधिक दबाव पड़ता है. यह मसल्स में खिंचाव सिरदर्द को ट्रिगर करता है, जो अक्सर जागने पर देखा जाता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.