कथित आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लेकर दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. डायबिटीज (टाइप 2) से पीड़ित केजरीवाल ने जहां कोर्ट से आवेदन कर नियमित ब्लड शुगर टेस्ट और डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सलाह की अनुमति मांगी. वहीं, ईडी ने दावा कि वह जेल में आम खा रहे हैं.


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केजरीवाल (Arvind Kejriwal news) के आवेदन पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत के समक्ष दावा किया है कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित होने के बाद भी अरविंद केजरीवाल हर दिन आम और मिठाई जैसे अधिक शुगर वाले भोजन का सेवन कर रहे हैं. इस पर दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि पिछले कई दिनों से उनका ब्लड शुगर लेवल लगातार 300 mg/dL से ऊपर है. अरविंद केजरीवाल के बार-बार अनुरोधों के बावजूद उन्हें इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है और उनका शुगर लेवल बढ़ रहा है.


इन घटनाओं ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या डायबिटीज मरीजों को को आम खाना चाहिए? और अगर खाना भी चाहिए तो कितना खाना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? चलिए इन सारे सवालों का जवाब पता करते हैं.


आम और डायबिटीज: एक्सपर्ट का क्या कहना है?
काफी सारे डॉक्टर्स का कहना है कि आम में नेचुरली शुगर (fructose) होता है, जो अन्य प्रकार की शुगर की तुलना में ब्लड शुगर लेवल को थोड़ा कम प्रभावित कर सकता है. हालांकि, आम मीठा होता है और इसमें अभी भी काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं. इसलिए, हां, डायबिटीज के मरीज आम खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में. वहीं, अगर किसी का शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है तो उन्हें आम खाने से बचना चाहिए. आम की सही मात्रा मरीज के डायबिटीज कंट्रोल, दवाओं और एक्टिविटी लेवल पर निर्भर करती है.


कितना आम खाना सही?
आम का सेवन करते समय मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. एक डायबिटीज मरीज को आम के एक छोटे टुकड़े (लगभग 100 ग्राम) से ज्यादा नहीं खाना चाहिए. साथ ही, आम खाने का सही समय भी महत्वपूर्ण है. भोजन के बाद नहीं, बल्कि सुबह के नाश्ते के साथ या फिर किसी फल के साथ इसका सेवन करना बेहतर होता है.


ज्यादा आम खाने के नुकसान
डायबिटीज मरीजों के लिए आम जरूर फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल काफी तेजी से बढ़ सकता है. इससे थकान, प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और धुंधला दिखना जैसे लक्षण हो सकते हैं. मामले के आधार पर, यह और भी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.