Utpanna Ekadashi 2024: पृथ्वी का सुख भोगकर जाना चाहते हैं वैकुंठ तो करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत
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Utpanna Ekadashi 2024: पृथ्वी का सुख भोगकर जाना चाहते हैं वैकुंठ तो करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत

Utpanna Ekadashi 2024: मान्यता है कि श्रीहरि कि पूजा करने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पृ्थ्वी पर सभी सुखों को भोगने के बाद अंत में वैकुंठ धाम को प्रस्थान कर जाता है. जहां भगवान विष्णु ऐसे व्यक्तियों को अपनी शरण में ले लेते हैं.

Utpanna Ekadashi 2024: पृथ्वी का सुख भोगकर जाना चाहते हैं वैकुंठ तो करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत

Utpanna Ekadashi 2024: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक एकादशी तिथि चंद्र चक्र का ग्यारहवां दिन होता है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. भगवान विष्णु को जगत का पालनहार भी कहते हैं. मान्यता है कि त्रिदेव यानि कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों में विष्णु जी पृथ्वि को संरक्षित करते हैं. भगवान विष्णु के भक्त एकादशी के दिन एक दिन का उपवास रखते हैं और अपने आराध्य की पूजा करते हैं.

श्रीहरि की पूजा से मिलती है मोक्ष

श्री विष्णु के भक्त एकादशी तिथि पर उपवास करके अपने आराध्य का आह्वान करते हैं. इस दौरान भक्त भगवान विष्णु से मोक्ष प्राप्त करने और उनके दिव्य निवास वैकुंठ में शरण लेने की प्रार्थना करते हैं. मान्यता है कि श्रीहरि कि पूजा करने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पृ्थ्वी पर सभी सुखों को भोगने के बाद अंत में वैकुंठ धाम को प्रस्थान कर जाता है. जहां भगवान विष्णु ऐसे व्यक्तियों को अपनी शरण में ले लेते हैं.

एकादशी व्रत के नियम

वैसे तो इस व्रत के नियम काफी कड़े हैं. लेकिन, अगर कोई भी इस व्रत को करता है तो उनके लिए हम यहां कुछ नियम बता रहे हैं. इस दिन प्रातः काल में ही सो कर जाग जाएं. इसके बाद साफ जल से स्नान करके साफ-सुथरे और बिना जूठन के यानि कि धुले हुए कपड़े पहनें. इस दौरान भक्तों को ब्रह्मचर्य बनाए रखें. व्रत के एक दिन पहले यानि कि दशमी के दिन से ही प्याज, लहसुन, मांस, चावल, गेहूं, दाल और फलियां का सेवन न करें. यानि कि इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन न करें.

धूम्रपान से बनाएं दूरी

जिस दिन एकादशी का व्रत रखा जाता है उस दिन भक्तों को इस बात की सलाह दी जाती है कि धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें. वैसे तो इस दिन उपवास किया जाता है लेकिन कुछ लोग व्रत के दिन खाना खाते हैं. ऐसे भक्त जो खाना खाते हैं वह व्रत वाला भोजन करें या फल और दूध का ही सेवन करें. जरूरतमंदों को भोजन या आवश्यक वस्तुओं का दान करें. व्रत के दौरान शांत और विनम्र बने रहें. क्योंकि यह व्रत आत्म-अनुशासन का व्रत है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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