Effects of Overthinking: ओवरथिंकिंग एक बहुत ही आम समस्या है. हर 5 में से 1 व्यक्ति इससे पीड़ित है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओवरथिंकिंग आपके लिए कितनी खतरनाक हो सकती है? कई स्टडीज के अनुसार, किसी स्थिति या घटना के बारे में बार-बार सोचना आपके मानसिक विकास को प्रभावित करता है.


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इसके अलावा कई लोग बातचीत, स्थितियों और परिणामों का अति-विश्लेषण करते हैं. ऐसा करना आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है. दरअसल ज्यादा सोचने से दिमाग हमेशा बिजी रहता है. मन के भीतर उस स्थिति से संबंधित विचारों का प्रवाह निरंतर चलता रहता है. नतीजतन, अधिक सोचने से आपका कॉन्फिडेंस कम होता है और डॉउट पैदा होता है. ज्यादा सोचने से कभी कोई हल नहीं निकलता. इसके विपरीत यह आपके मनोबल को कम करता है और निगेटिविटी को बढ़ाता है. ऐसे में आज हम आपको ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं कि कैसे आप ओवरथिंकिंग से राहत पा सकते हैं.


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ओवरथिंकिंग से ऐसे पाएं छुटकारा
1. खुद को बिजी रखें
कहते हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है और खाली समय ओवरथिंकिंग बढ़ने का एक प्रमुख कारण है.ऐसे में कोशिश करें खुद को किसी ना किसी काम में बिजी रखने की. अगर आप घर में अकेले हैं तो कोशिश करें कि खाली वक्त में घर की साफ-सफाई कर लें, आप किताबें भी पढ़ सकते हैं. इसके अलावा दोस्तों से बात करना भी बेहतर विकल्प हो सकता है.



2. मेडिटेशन
मेडिटेशन अशांत मन को शांत करता है.इससे आपकी बॉडी को रिलैक्स मिलता है. श्वास को कंट्रोल करने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और जब एक बार आपका मन ऐसे विचारों से मुक्त हो जाए तो ज्यादा ओवरथिंकिंग बंद हो जाती है. मेडिटेशन को दिनचर्या में शामिल करें.


3. स्वीकार करना सीखें
आप पुरानी गलतियों और फैसलों को नहीं बदल सकतें. ना वापस उन पलों में लौट सकते हैं. इसलिए यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है. इसलिए स्वीकार करना सीखो.