Muscular Dystrophy Disease: हाल ही में एक ऐसी बीमारी का पता चला जिसका कोई इलाज नहीं है. विदिशा में रहने वाले पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली. दरअसल, इसका कारण संजीव मिश्रा के बच्चे की लाइलाज बीमारी थी. पुलिस को कमरे से जो सुसाइड नोट मिला उसमें बीमारी का जिक्र है. खबरों के अनुसार, संजीव का बड़ा बेटा अनमोल पिछले आठ सालों से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की बीमारी से जूझ रहा था. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में और इसके लक्षण, उपचार...


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जानें क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
किसी व्यक्ति के शरीर में जब कई न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स एक साथ होने लगते हैं, तो इस शारीरिक स्थिति को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी कहते हैं. यह एक आनुवंशिक बीमारी है. इसमें जन्म लेने के बाद बच्चे की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं. ऐसे में फिजिकल एक्टिविटीज को कंट्रोल करने वाली स्केलेटल मसल्स कमजोर होकर डैमेज होने लगती हैं. इस दैरान हेल्दी मांसपेशियों के विकास के लिए शरीर में कुछ खास तरह के प्रोटीन का निर्माण होता है, लेकिन ये समस्या होने पर बॉडी में कुछ म्यूटेशन यानी असामान्य जीन्स इस प्रोसेस में रूकावट पैदा कर देते हैं. इस बीमारी की पहचान कुछ बच्चों में जन्म के समय ही हो जाती है. वहीं कुछ बच्चों में किशोरावस्था के समय ही लक्षण नजर आने लगते हैं.


मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण-
इस बीमारी के लक्षण सामान्य नहीं होते हैं. कदमों में लड़खड़ाहट होना, बच्चे को दौड़ने या कूदने में परेशानी होना, बार-बार गिरना, लेटने या बैठने में दिक्कत होना, बच्चे की नजर कमजोर होना, बच्चे की हाइट न बढ़ना, तेजी से वजन घटना, मानसिक विकास में रूकावट आदि.


मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार
इस बीमारी में मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव और दर्द को कंट्रोल करने के लिए फिजियोथेरेपी की मदद ली जा सकती है. वहीं मांसपेशियों को नुकसान से बचाने के लिए मरीज को पेन किलर्स दिए जाते हैं. कई बार इस बीमारी के उपचार में सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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