फलों का जूस सुनते ही हमारे दिमाग में सेहत और पोषण की तस्वीर उभरती है. आखिरकार, फलों में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना होता है. लेकिन हाल के शोध बताते हैं कि बिना चीनी मिलाए हुए भी फलों का जूस वजन बढ़ाने में योगदान दे सकता है. आइए, जानते हैं इसके पीछे के कारण.


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फलों का नेचुरल स्वीटनर फ्रुक्टोज होता है, जो शरीर में शुगर के रूप में ही काम करता है. हालांकि, यह रिफाइंड शुगर से ज्यादा नुकसानदेह नहीं है, लेकिन फिर भी शरीर इसे जल्दी पचा नहीं पाता. इसका अधिक सेवन फैट सेल्स में जमा होकर वजन बढ़ा सकता है.


फाइबर की कमी
जूस पीने से हमें फल का फाइबर नहीं मिलता. फाइबर पेट को भरा रखता है और भूख कम करता है. फाइबर की कमी से जल्दी भूख लग सकती है और अधिक खाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है.


कैलोरी की मात्रा
एक गिलास जूस में कई सारे फलों का रस होता है, जिससे कुल कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है. उदाहरण के लिए, एक गिलास संतरे के जूस में लगभग 100 कैलोरी होती है, जबकि एक संतरे में लगभग 62 कैलोरी होती है.


इंसुलिन स्पाइक
फ्रुक्टोज सीधे ब्लडस्ट्रीम में जाता है, जिससे इंसुलिन का लेवल अचानक बढ़ जाता है. यह ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है और भूख बढ़ा सकता है, जिससे ज्यादा खाने और वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.


तो क्या फलों का जूस बिल्कुल नहीं पीना चाहिए?
- जरूरी नहीं! लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों का जूस चुनें, जैसे बेरीज और अनार.
- 100% नेचुरल जूस चुनें, जिसमें चीनी ना मिलाई गई हो.
- एक दिन में एक गिलास से ज्यादा जूस न पिएं.
- जूस के साथ ठोस फल भी खाएं, ताकि फाइबर और संतृप्ति मिल सके.
- याद रखें, फलों का जूस कभी भी पूरे फल की जगह नहीं ले सकता. संपूर्ण पोषण के लिए बैलेंस डाइट और नियमित व्यायाम सबसे जरूरी है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.