जरूरी खबर: कोरोना वैक्सीन के बाद दिखें ये लक्षण तो सावधान हो जाएं, तत्काल करें ये काम
सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखें, तो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट जरूर करें. ..
नई दिल्ली: कोरोना कहर के बीच देश में वैक्सीनेशन का काम जोरों पर है. हालांकि, वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर लोग काफी घबराए हुए हैं. दरअसल, कुछ लोगों में कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो रही है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक दिन पहले ही एडवाइजरी जारी की है. जिसमें लोगों से वैक्सीनेशन के 20 दिन के भीतर थ्रॉम्बोसिस (ब्लड क्लॉट्स) के लक्षणों को पहचान करने की अपील की गई है.
एडवाइजरी में क्या बताया गया है
जारी एडवाइजरी के मुताबिक, कोई भी वैक्सीन (खासकर कोविशील्ड) लेने के बाद अगर आपको शरीर में सूजन, छाती में दर्द, बिना उल्टी के पेट दर्द, तेज सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखें, तो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट जरूर करें.
इन लक्षणों को न करें अनदेखा
यदि इंजेक्शन साइट के अलावा शरीर के किसी हिस्से पर लाल रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं, तो भी सचेत रहिए.
यदि आपको माइग्रेन की समस्या नहीं है और और उल्टी के साथ या उल्टी के बिना ही सिर में लगातार दर्द रहता है, तो वैक्सीनेशन सेंटर पर ये सब लक्षण रिपोर्ट करवाने जरूरी हैं.
वैक्सीन लगने के बाद कमजोरी, शरीर के किसी अंग का काम करना बंद कर देना, बिना किसी कारण लगातार उल्टी होना, आंखों में दर्द या धुंधला दिखना, कन्फ्यूजन-डिप्रेशन या मूड स्विंग होना भी सामान्य बात नहीं है. इन सभी लक्षणों के बारे में वैक्सीनेशन सेंटर पर मौजूद हेल्थ केयर वर्कर्स को बताएं.
इसलिए जारी की गई एडवाइजरी
दरअसल, कोरोना वायरस वैक्सीन के बाद कई लोगों में बुखार और सिरदर्द की शिकायत देखी गई थी. वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गठित राष्ट्रीय समिति ने भी इसकी पुष्टि भी की है. इस कारण वैक्सीनेशन के बाद इन लक्षणों को देखकर लोगों के मन में कई सवाल और डर भी देखने को मिला. यही वजह है कि इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (mohfw) ने हेल्थ केयर वर्कर्स और वैक्सीन लेने वालों के लिए वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एडवाइजरी जारी की.
वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गठित राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि देश में ब्लड क्लॉट के बहुत कम मामले कोविशील्ड वैक्सीन से जुड़े हो सकते हैं. समिति के मुताबिक, भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की प्रति 10 लाख खुराक पर खून के थक्के जमने के सिर्फ 0.61 फीसदी मामले ही देखने को मिले हैं.
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