Gum infection: मसूड़ों की बीमारी को पीरियंडोंटाइटिस (periodontitis) कहा जाता है, जिससे मसूड़ों से खून आना और दांतों का गिरना सहित कई तरह की डेंटल प्रॉब्लम हो सकती हैं. हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार दिल शरीर में कहीं और गंभीर मुद्दों में शामिल हो सकता है. जेएसीसी: क्लिनिकल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी में 31 अक्टूबर को प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार टीम ने पेरियोडोंटाइटिस और फाइब्रोसिस के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया. 


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दिल के बाएं एट्रियम के एक परिशिष्ट में निशान जिससे हार्ट रेट अनियमित हो सकती है. इसे एट्रियल फाइब्रिलेशन कहा जाता है. इसमें दिल के बीमारी के 76 मरीजों के नमूने शामिल थे. हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य सेवा केंद्र के सहायक प्रोफेसर शुनसुके मियाउची ने कहा कि पेरियोडोंटाइटिस लंबे समय से चली आ रही सूजन से लिंक है. यह सूजन एट्रियल फाइब्रोसिस की प्रगति और एट्रियल फिब्रिलेशन पैथोजेनेसिस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.


मसूड़ों में संक्रमण के घरेलू उपचार


हल्दी पाउडर: हल्के हाथों से हल्दी पाउडर को मसूड़ों पर लगाने से मसूड़ों की परेशानी कम हो सकती है. हल्दी में करक्यूमिन, एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो मसूड़ों के संक्रमण को काफी हद दूर कर सकता है.


नमक पानी: नमक का पानी मसूड़ों और दांतों से जुड़ी कई सारी समस्याओं को दूर कर सकता है. नमक पानी का गरारे करने से मसूड़ों का दर्द कम किया जा सकता है.


नींबू पानी: नींबू पानी ना केवल मसूड़ों से बैक्टीरिया कम करता है, बल्कि मसूड़ों की सूजन को ठीक करता है. नींबू में पोटैशियम, विटामिन सी और ए पाया जाता है, जो मसूड़ों को जल्दी ठीक कर मजबूत बनाते हैं.


एलोवेरा: एलोवेरा में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मसूड़ों से बैक्टीरिया को कम करते हैं. एलोवेरा मसूड़ों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है.


बेकिंग सोडा: बेकिंग सोडा में मसूड़ों की परेशानी और बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है. आप इसका पेस्ट लगाकर मसूड़ों पर लगा सकते हैं, जिससे मसूड़ों की सूजन भी कम की जा सकती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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