व्यायाम भी बेअसर! शुगर ड्रिंक्स से दिल की बीमारी का खतरा कम नहीं करता एक्सरसाइज, हार्वर्ड स्टडी का चौंकाने वाला खुलासा
हम सभी मानते हैं कि नियमित व्यायाम सेहत के लिए फायदेमंद होता है और यह दिल की बीमारी के खतरे को भी कम करता है, लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि नियमित व्यायाम सेहत के लिए फायदेमंद होता है और यह दिल की बीमारी के खतरे को भी कम करता है. हालांकि, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस स्टडी के अनुसार, अगर आप शुगर ड्रिंक्स का सेवन ज्यादा करते हैं, तो चाहे आप कितना भी व्यायाम कर लें, दिल की बीमारी का खतरा बना रहता है.
अध्ययन में पाया गया कि जो लोग हफ्ते में दो बार से अधिक शुगर ड्रिंक्स का सेवन करते हैं, उनमें दिल की बीमारी का खतरा अधिक होता है, भले ही वे नियमित रूप से व्यायाम करते हों. शोधकर्ताओं ने बताया कि व्यायाम दिल की बीमारी के खतरे को आधा तो कम कर सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से खत्म नहीं करता.
एक लाख लोगों पर हुई स्टडी
अध्ययन में 30 वर्षों तक लगभग 1 लाख वयस्कों पर नजर रखी गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा दिल की बीमारी से बचाव के लिए किए गए 150 मिनट साप्ताहिक व्यायाम भी शुगर ड्रिंक्स के नुकसान को पूरी तरह से कम नहीं कर सके.
एक्सपर्ट की राय
कनाडा के यूनिवर्सिटी लावल के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक जीन-फिलिप ड्रूइन-चार्टियर ने कहा कि फिजिकल एक्टिविटी शुगर ड्रिंक्स से जुड़े दिल की बीमारी के खतरे को आधा कर देती है, लेकिन यह इसे पूरी तरह से खत्म नहीं करती. वहीं, हार्वर्ड के पोषण विभाग की शोध वैज्ञानिक और अध्ययन की मुख्य लेखक लोरेना पाचेको ने कहा कि हमारे निष्कर्ष लोगों को शुगर ड्रिंक्स का सेवन कम करने और पर्याप्त व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पब्लिक हेल्थ रिकमेंडेशन और पॉलिसी का सपोर्ट करते हैं.
हर साल होती है लाखों लोगों की मौत
दिल की बीमारी दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण है. यह हर साल लाखों लोगों की जान लेता है. हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और धूम्रपान जैसे फैक्टर दिल की बीमारी में योगदान करते हैं. सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और धड़कन तेज होना दिल की बीमारी के लक्षण हैं, जो गंभीर कॉम्प्लिकेशन जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक की ओर ले जा सकते हैं. दिल की बीमारी को रोकने और कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव, दवाएं और समय पर चिकित्सीय हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हैं. इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या से लड़ने के लिए जागरूकता और शीघ्र पहचान जरूरी है.