Benefits of Trikonasana: त्रिकोणासन सेहत के लिए बेहद जरूरी आसान है. ये आसन शरीर को तीन अलग कोणों से एक साथ स्ट्रेचिंग देता है और पूरी शरीर के सामान्य फंक्शन को बेहतर ढंग से चलाने में मदद करता है. यह मुद्रा फ्लैट पैर को रोकने में मदद करती है. इसके साथ ही पिंडलियों और हिप्स की मसल्स को मजबूत करती है और रीढ़ को लचीला बनाती है. 


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क्या है त्रिकोणासन (what is trikonasana)
त्रिकोणासन खड़े होकर करने वाला एक महत्वपूर्ण आसन है. ‘त्रिकोण’ का अर्थ  होता है, त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है.  इसका मतलब यह हुआ कि इस आसन में शरीर त्रिकोण की आकृति का हो जाता है, इसीलिए इसका नाम त्रिकोणासन रखा गया है.


कैसे करते हैं त्रिकोणासन (how to do trikonasana)


  • सबसे पहले पैरों के बीच करीब 3-4 फीट की दूरी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं. 

  • अब अपने दाहिने पैर को बाहर की ओर मोड़ें और जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, अपने शरीर को दाईं ओर मोड़ें. 

  • आपका बायां हाथ एक साथ ऊपर और दाहिने हाथ से फर्श को छुएं. 

  • दोनों हाथ एक सीध में होने चाहिए. इस पोजीशन में 15 सेकेंड तक रहें. 

  • श्वास लेते हुए वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं. दूसरी तरफ भी यही दोहराएं.


त्रिकोणासन के जबरदस्त फायदे (Amazing benefits of Trikonasana)


  1. त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास घुटनों, टखने, पैरों, सीने और हाथों को मजबूत बनाता है. 

  2. त्रिकोणासन ग्रोइन, हिप्स, हैमस्ट्रिंग, पिंडली, सीने, स्पाइन और कंधों को स्ट्रेच देता है.

  3. त्रिकोणासन शारीरिक और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है.

  4. ये पाचन सुधारता है और पेट के निचले अंगों को उत्तेजित करता है. 

  5. त्रिकोणासन फ्लैट फिट, ऑस्टियोपोरोसिस, गर्दन के दर्द और नपुंसकता को दूर करता है.

  6. ये स्ट्रेस को कम करता है और एंग्जाइटी को ठीक करता है.

  7. इस योगाभ्यास से आप अपने स्टैमिना को बढ़ा सकते हैं.

  8. इस आसन से आप अपने हिप्स को स्ट्रांग बना सकते हैं, तथा इसमें होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं.

  9. इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आप त्वचा संबंधी प्रोब्लेम्स से बच जाते हैं.

  10. त्वचा पर बार-बार दाने एवं मुंहासे निकलने की समस्या दूर हो जाती है और चेहरे को चमकदार बनाता है.


त्रिकोणासन के दौरान रखें ये सावधानियां (Trikonasana precautions in Hindi)


  • बहुत अधिक कमर दर्द होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए.

  • स्लिप डिस्क वाले को इस आसन के अभ्यास से बचना चाहिए.

  • High और low BP में इसको करने से बचना चाहिए.

  • अगर सिर में  चक्कर आ रहा हो तो इसका अभ्यास न करें.

  • गर्दन और पीठ में अधिक दर्द होने पर इसके प्रैक्टिस से बचें

  • अगर आप माइग्रेन की समस्या है तो इसको नहीं करनी चाहिए.

  • हाइपर एसिडिटी की समस्या में इसको करने से बचें.


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​


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