Heart Attack Symptoms: दिल की सुनें और लक्षण पहचानें, पुरुषों से अलग होते हैं महिलाओं में हार्ट अटैक के संकेत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में होने वाली सभी मौतों में से 32% दिल की बीमारी के कारण होती हैं. इनमें से 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक से होती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में होने वाली सभी मौतों में से 32% दिल की बीमारी के कारण होती हैं. इनमें से 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक से होती हैं. इसलिए इस बीमारी के लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है, ताकि मरीज को जल्दी मेडिकल हेल्प मिल सके और जान बचाई जा सके.
हार्ट अटैक तब होता है जब नस में थक्के के कारण दिल के एक हिस्से में खून का फ्लो रुक जाता है. यह रुकावट दिल की मसल्स को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से वंचित कर देती है, जिससे टिशू डैमेज या मर जाती है. इसके नॉर्मल लक्षण- सीने में दर्द या बेचैनी, सांस की तकलीफ, मतली, चक्कर आना और ठंडा पसीना आना है.
दिल को होने वाले नुकसान को कम करने और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प जरूरी है. उपचार में दवाएं (जैसे कि थक्का तोड़ने वाली दवाएं या ब्लड थिनर) और दिल की मसल्स में खून के फ्लो को बहाल करने के लिए एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी जैसी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं. रिहैबिलिटेशन और लाइफस्टाइल में बदलाव अक्सर ठीक होने और रोकथाम के लिए सुझाए जाते हैं.
हार्ट अटैक के लक्षण
पुरुषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन अक्सर सीने में दर्द या बेचैनी शामिल होती है जो दबाव, निचोड़ या दर्द जैसा महसूस हो सकता है जो हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट तक फैल जाता है. सांस की तकलीफ, मतली, उल्टी, चक्कर आना, ठंडा पसीना और थकान भी आम हैं. महिलाओं और वृद्ध लोगों में अपच, चक्कर आना या असामान्य थकान जैसे असामान्य लक्षण का अनुभव हो सकता है. इन संकेतों को पहचानना और तुरंत मेडिकल हेल्प लेना महत्वपूर्ण है. समय से पहले हस्तक्षेप दिल को होने वाले नुकसान को रोक सकता है और जीवित रहने और ठीक होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है.
महिलाओं को अपने अनोखे लक्षणों को समझना जरूर
पुरुषों के विपरीत, सीने में दर्द, दबाव या बेचैनी हमेशा गंभीर नहीं होती है और न ही महिलाओं में हार्ट अटैक पड़ने का सबसे प्रमुख लक्षण है. यही कारण है कि मेयो क्लिनिक के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि महिलाओं को अपने रिस्क को कम करने के साथ-साथ अपने अनोखे लक्षणों को समझने की जरूरत है. अध्ययन के अनुसार, पसीना, मतली, चक्कर आना और असामान्य थकान सामान्य हार्ट अटैक के लक्षणों की तरह नहीं लग सकते हैं, लेकिन महिलाओं में ये आम हैं और आराम करते या सोते समय अधिक बार हो सकते हैं. जब महिलाओं को हार्ट अटैक पड़ता है, तो अक्सर उन संकेतों का गलत अर्थ लगाया जाता है. महिलाओं के लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते हैं - सांस की तकलीफ, मतली/उल्टी, और पीठ या जबड़े में दर्द. अन्य महिलाओं को चक्कर आना, हल्कापन, निचले सीने या ऊपरी पेट में दर्द और ज्यादा थकान का अनुभव होता है.
महिलाओं में हार्ट अटैक को क्या चीजें ट्रिगर करती हैं?
महिलाओं में हार्ट अटैक पुरुषों की तरह ही धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसे समान कारणों से हो सकता है. लेकिन महिलाओं में एक्स्ट्रा रिस्क फैक्टर भी हो सकते हैं, जैसे मेनोपॉज के कारण होने वाले हार्मोनल बदलाव, प्रेग्नेंसी से जुड़ी कॉम्प्लिकेशन और ल्यूपस जैसी ऑटोइम्यून डिजीज. इमोशन तनाव, डिप्रेशन और एंग्जाइटी भी इसमें भूमिका निभा सकते हैं. इसके अलावा, महिलाओं की नसें छोटी हो सकती हैं या प्लाक जमा होने का तरीका अलग हो सकता है, जो दिल में खून के फ्लो को प्रभावित कर सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.