यही केकड़ा बचाएगा कोरोना वायरस से जान, 30 करोड़ साल पुरानी है ये दुर्लभ प्रजाति
इस केकड़े (Horseshoe Crab) का हल्का नीले रंग का खून अब तक दुनिया के तमाम बीमारियों के इलाज में मददगार साबित होता रहा है.
नई दिल्ली: समुद्री व्यंजनों में केकडा (Crab) सबसे लजीज फूड में से एक माना जाता है. लेकिन एक खास प्रजाति का केकड़ा (Crab) आपकी जान भी बचाने के लिए मशहूर है. अब यही केकड़ा आपको कोरोना वायरस (Coroanvirus) से भी बचाने वाला है. जी हां, ये बिलकुल सच है. दुनियाभर के वैज्ञानिक अब इस खास केकड़े से ही कोरोना वायरस का टीका (Vaccine) तैयार कर रहे हैं.
हॉर्शू क्रैब ही है कोरोना महामारी की काट
समुद्र में मिलने वाले हॉर्शू क्रैब –Horseshoe Crab (केकड़े की एक प्रजाति) ही कोरोना वायरस का टीका तैयार करने में मददगार साबित हो रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खास समुद्री प्रजाति के केकड़े में हल्के नीले रंग का खून होता है जो विभिन्न बीमारियों के टीके तैयार करने में इस्तेमाल होता रहा है. अब कोरोना वायरस से लड़ने में भी इस केकड़े का खून (Crab blood) मददगार साबित हो रहा है.
ऐसा क्या खास है इस केकड़े में
प्राप्त जानकारी के मुताबिक हॉर्शू क्रैब (Horeseshoe Crab) धरती पर लगभग 30 करोड़ साल से मौजूद हैं. इन केकड़े के 10 आंखें होते है. इस केकड़े का हल्का नीले रंग का खून अब तक दुनिया के तमाम बीमारियों के इलाज में मददगार साबित होता रहा है. किसी भी टीके के भीतर एक भी बैक्टिरिया मौजूद नहीं होना चाहिए, वरना इंसानों की मौत हो सकती है. हॉर्शू क्रैब का नीला खून टीके में मौजूद बैक्टिरिया को मार देता है.
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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने टीकों में खास तौर से इसी केकड़े के खून से ही बैक्टिरिया संक्रमण को दूर रखने की कोशिश की है. हालांकि इस प्रजाति के केकड़ों की संख्या दुनियाभर में काफी कम होती जा रही है. यही कारण है कि पर्यावरण अधिकारों पर काम करने वाली संस्थाएं कोरोना वायरस में इसके इस्तेमाल का विरोध कर रही हैं.