एसी में लगातार बैठने से हो सकता है `सिक बिल्डिंग सिंड्रोम`, डॉक्टर से जानिए क्या है बीमारी
What is Sick Building Syndrome: गर्मी के मौसम में एसी किसी राहत से कम नहीं होता, लेकिन इसका लगातार उपयोग एसबीएस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता देता है, ऐसे में आप क्या उपाय किए जा सकते हैं.
How AC Uses May Leads To Sick Building Syndrome: एयर कंडीशन वाले कमरे में रहने के नुकसान के बारे में तो हम अक्सर सुनते आए हैं, लेकिन अब मशहूर न्यूरोसर्जन डॉ. पयोज़ पांडेय (Dr. Payoz Pandey) ने एक और परेशानी को लेकर आगाह किया है. उनके मुताबिक एसी रूम या दफ्तर में लगातार बैठे रहने से सिक बिल्डिंग सिंड्रोम यानी (SBS)) से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकते हैं. ये सिंड्रोम आंखों, गले और त्वचा के सूखेपन और जलन जैसे लक्षणों को बढ़ा देता है, जो अक्सर एसी के ड्राई एयर में लंबे वक्त तक रहने से बढ़ जाते हैं
सेहत के लिए अच्छी नहीं है एसी की हवा
एयर कंडीशन वाले वातावरण में इनडोर एयर क्वालिटी रिस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स को बढ़ा सकती है, खासकर एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों पर बुरा असर डालती हैं. हालांकि एसी का इस्तेमाल आंखों या दिल जैसे खास अंगों को सीधे नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन ये ओवरऑल कंफर्ट को काफी प्रभावित कर सकता है और मौजूदा हेल्थ कंडीशन को खराब कर सकता है.
एसबीएस के रिस्क को कैसे करें कम?
1. 'सिक बिल्डिंग सिंड्रोम' से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं. सबसे पहले आपको इंडोर स्पेस में प्रोपर ह्यूमिडिटी को भी मेंटेन करना जरूरी है क्योंकि एसी की ड्राई हवा असहजता पैदा कर सकती है जो सेहत के लिए नुकसानदेह है. एसी के फिल्टर की रेगुलर सफाई भी जरूरी है जिससे धूल और फफूंद न पड़ जाए ताकि वायु की गुणवत्ता पर बुरा असर न पड़े.
2. एसबीएस खतरे को कम करने के लिए आपको नेचुरल वेंटिलेशन पर ध्यान देना होगा, जब बाहर का तापमान सामान्य हो जाए तो कमरे की खिड़की और रोशनदान को खोल दें. घर में क्रॉस वेंटिलेशन को सुनिश्चित कराएं.
3. कमरे की हवा को साफ रखने के लिए गमले में कुछ इंडोर प्लांट लगाए जा सकते हैं. ये पौधे नेचुरल एयर प्यूरिफायर का काम करते हैं क्योंकि इससे कार्बन डाइऑक्साइड एब्जॉर्ब होता है और ऑक्सीजन रिलीज होने लगता है. यानी कमरे की एयर क्वालिटी बेहतर हो जाती है.
4. इसके अलावा 'सिक बिल्डिंग सिंड्रोम' की रोकथाम के लिए आप बाजार में मिलने वाले एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें एचईपीए फिल्टर्स लगें हों. ये हवा में मौजद कणों और एलर्जेंस को रिमूव करते है एसबीएस के रिस्क को घटा सकते हैं.
5. हाईड्रेट रहना भी एक अहम उपाय है. अगर दिनभर सही मात्रा में पानी पीते रहेंगे तो इससे म्यूकस मेंबरेन में नमी बरकरार रहेगी, जिससे आंखों गले और त्वचा को ड्राईनेस का सामना नहीं करना पड़ेगा.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.