डायबिटीज और किडनी स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के सामने एक बड़ी चुनौती बन चुका है. आंकड़ों के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित लगभग एक तिहाई लोगों को किडनी डिजीज का सामना करना पड़ता है. इस संबंध को समझना और इसके रोकथाम के उपायों को अपनाना मरीजों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए ज्यादा आवश्यक है.


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डॉ.सौरभ पोखरियाल ने बताया कि डायबिटीज में लगातार हाई ब्लड शुगर लेवल किडनी की नाजुक नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे किडनी का सही तरीके से खून छानने का काम प्रभावित होता है. इस स्थिति को डायबिटिक किडनी डिजीज (डीकेडी) या डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है. इसका मुख्य समस्या यह है कि ज्यादातर लोग तब तक लक्षण अनुभव नहीं करते जब तक कि किडनी को गंभीर नुकसान नहीं हो जाता. इसे रोकने के लिए नियमित खून और यूरिन टेस्ट जरूरी हैं, जिनसे किडनी के काम का मूल्यांकन किया जा सकता है.


कुछ ग्रुप में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है, जिनमें धूम्रपान करने वाले, अस्वस्थ भोजन करने वाले, शारीरिक रूप से कम सक्रिय लोग, मोटापे से ग्रस्त लोग और किडनी फेलियर का पारिवारिक इतिहास रखने वाले शामिल हैं.


रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदम
डायबिटीज से किडनी डिजीज को रोकने में ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का नियंत्रण प्रमुख होता है. डॉक्टर अक्सर ए1सी लेवल को 7 प्रतिशत से कम रखने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, जिससे डायबिटीज प्रबंधन की स्थिति का आकलन होता है.


ब्लड प्रेशर कंट्रोल का महत्व
डायबिटीज मरीजों के लिए ब्लड प्रेशर को 140/90 मिमी एचजी से नीचे बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है. एसीई इनहिबिटर्स और एआरबी जैसी दवाएं किडनी को होने वाले नुकसान को धीमा करने में प्रभावी मानी गई हैं.


लाइफस्टाइल में बदलाव: बिमारी से बचाव का आधार
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए आवश्यक है. बैलेंस डाइट, नमक का कम सेवन, नियमित व्यायाम, वजन कंट्रोल करना और पर्याप्त नींद (सात से आठ घंटे) इसमें मदद करते हैं. इसके अलावा, तनाव मैनेंजमेंट पर ध्यान देना भी जरूरी है, क्योंकि मानसिक तनाव ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.