Tips for Reducing Healthcare Costs with Generic Medicines: भारत में हेल्थकेयर का बजट लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण मरीजों के लिए क्वालिटी से समझौता किए बिना पैसे बचाने के तरीके खोजना जरूरी हो गया है. एक असरदार रणनीति ये है कि आप ब्रांडेड मेडिसिन के बजाय जेनेरिक दवाओं को चुनें जिससे आपकी जेब पर बोझ कम आए. 
 


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जेनेरिक दवाएं किसे कहते हैं?


जेनेरिक दवाएं मूल रूप से ब्रांड नाम वाली दवाओं के जैसी होती हैं, जिनमें डोज, सेफटी, ताकत, क्वालिटी और इस्तेमा का मकसद एक जैसा होता है. इनमें वही एक्टिव इनग्रीडिएंट्स होते हैं और इन्हें फूड एंड ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा निर्धारित स्टैंडर्ड्स को पूरा करना पड़ता है. सबसे बड़ा फर्क कीमत में होता है, क्योंकि जेनेरिक दवाएं ब्रांड नेम वाली मेडिसिन की तुलना में काफी सस्ती होती हैं.


जेनेरिक दवाएं सस्ती क्यों होती हैं?


जेनेरिक दवाएं मुख्य रूप से इसलिए सस्ती होती हैं क्योंकि उन पर ब्रांड नेम वाले मेडिसिन के मुकाबले बहुत कम रिसर्च और डेवलपमेंट कॉस्ट आता है. डॉ. सुजित पाल (Dr. Sujit Paul), ग्रुप सीईओ (जोटा हेल्थकेयर लिमिटेड) के मुताबिक कम मार्केटिंग कॉस्ट और बढ़ते कॉम्पिटीशन भी कीमतों को कम करते है.  जेनेरिक दवाओं को मंजूरी देने में रेगुलेटरी एफिशिएंसी उनकी मार्केट एंट्री की स्पीड को तेज करती है, जबकि कम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट उनकी कीमत को और कम करती है. कुल मिलाकर ये फैक्टर्स जेनेरिक दवाओं को उनकी ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में ज्यादा किफायती विकल्प बनाते हैं जबकि दवा की क्वालिटी सुनिश्चित करते हैं.



दवाएं खरीदने में कैसे करें सेविंग?


1. अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें

हमेशा अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर या फार्मासिस्ट से पूछें कि क्या आपकी बताई हुई दवा का जेनेरिक वर्जन मौजूद है. वो जेनेरिक ऑप्शंस की एफिशिएंसी और उपलब्धता के बारे में जानकारी दे सकते हैं.



2. कीमतों को कंपेयर करें


अलग-अलग फार्मेसी में एक ही जेनेरिक दवा की कीमत अलग-अलग हो सकती है. आपके आस-पास की फार्मेसी में बेस्ट डील को कंपेयर करने के लिए ऑनलाइन टूल और ऐप का इस्तेमाल करें.


3. प्रिस्क्रिप्शन रिवॉर्ड प्रोग्राम का इस्तेमाल


कई फार्मेसी वाले ​​प्रिस्क्रिप्शन रिवॉर्ड प्रोग्राम देते हैं जो आपको जेनेरिक दवाओं पर और भी ज्यादा बचत करने में मदद कर सकते हैं. इन कार्यक्रमों में शामिल होना अक्सर मुफ्त होता है और ये कई बार फायदेमंद साबित हो सकता है.



4. थोक में खरीदें

अगर आप नियमित रूप से दवा लेते हैं, तो थोक में खरीदने से काफी बचत हो सकती है. इस बात की जांच करें कि क्या आपकी फार्मेसी 30 दिन की सप्लाई के बजाय 90 दिन की दवा खरीदने के लिए ज्यादा फायदा देती है.


5. मैन्यूफैक्चरर कूपन की तलाश करें


कुछ जेनेरिक दवा निर्माता कूपन या सेविंग प्रोग्राम देते हैं. मैन्यूफैक्चरर की वेबसाइट देखें या अपने फार्मासिस्ट से पूछें कि क्या किसी तरह का डिस्काउंट मिलेगा.