Hypothermia: सर्दियों में ज्यादा पसीना बहाना हो सकता है जानलेवा, बचने के लिए करें ये उपाय
हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट (35 डिग्री सेल्सियस) से नीचे चला जाता है. हाइपोथर्मिया के कारण शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है.
सर्दियों में ठंड से बचने के लिए लोग अक्सर गर्म कपड़े पहनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सर्दियों में ज्यादा पसीना बहाना भी जानलेवा हो सकता है? जी हां, सर्दियों में ज्यादा पसीना बहने से शरीर का तापमान कम हो सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया (Hypothermia) की स्थिति पैदा हो सकती है.
हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट (35 डिग्री सेल्सियस) से नीचे चला जाता है. हाइपोथर्मिया के कारण शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. इतना ही नहीं, हाइपोथर्मिया दिल, नर्वस सिस्टम और अन्य अंगों को सामान्य रूप से काम करने से रोक सकता है और आपकी मृत्यु भी हो सकती है.
हाइपोथर्मिया के लक्षण
हाइपोथर्मिया के लक्षण व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, और हाइपोथर्मिया की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। हाइपोथर्मिया के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं- थरथराहट, कंपन,बोलने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, मन की भ्रांति या बेहोशी. अगर आपको हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत गर्म कपड़े पहनें और किसी गर्म जगह पर जाएं. अगर लक्षण गंभीर हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
हाइपोथर्मिया से बचाव के उपाय
- सर्दियों में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें.
- अपने सिर, गर्दन, और चेहरे को गर्म रखें.
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.
- शराब और कैफीन का सेवन न करें.
- अपने शरीर के तापमान की निगरानी करें.
एक्सरसाइज करने से पहले इन बातों पर दे ध्यान
- सुबह या शाम को एक्सरसाइज करने से बचें, जब तापमान सबसे कम होता है.
- यदि आप अकेले एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो किसी मित्र या परिवार के सदस्य को बताएं कि आप कहां जा रहे हैं और कब वापस आने की उम्मीद कर रहे हैं.
- यदि आप किसी पार्क या अन्य सार्वजनिक स्थान पर एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप किसी गर्म स्थान के करीब रहें जहां आप जल्दी से आश्रय ले सकें.
हाइपोथर्मिया का इलाज
हाइपोथर्मिया के लिए उपचार व्यक्ति की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है. हल्के मामलों में, व्यक्ति को गर्म कपड़े पहनाकर और गर्म तरल पदार्थ पिलाकर ठीक किया जा सकता है. गंभीर मामलों में, व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है. अस्पताल में व्यक्ति को गर्म तरल पदार्थ, दवाएं और अन्य उपचार दिए जा सकते हैं.