नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से ठीक हो चुके लोग इन दिनों अन्य मरीजों के लिए एक उम्मीद बने हुए हैं. ये लोग अपना प्लाज्मा डोनेट करके दूसरों की जान बचा रहे हैं. इसकी एक वजह ये है कि कोरोना को हरा चुके लोगों के भीतर एंटीबॉडी तैयार हो जाता है जो संक्रमण को दोबारा नहीं पनपने देता. लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की इम्युनिटी हमेशा के लिए बरकरार नहीं रहती. कुछ ही महीनों में इन लोगों की इम्युनिटी अपने आप कम हो जाती है. 


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दोबारा कोरोना होने का भी है खतरा
ब्रिटेन के Medrxiv पत्रिका में छपे एक नए शोध में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों में दोबारा संक्रमण फैल सकता है. वैज्ञानिकों के दुनियाभर से जुटाए आंकड़ो के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि एक बार कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में कुछ महीनों बाद इम्युनिटी कम हो जाती है. कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर में तैयार हो चुके एंटीबॉडी भी जल्द खत्म हो जाते हैं. 


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लंदन में स्थित किंग कॉलेज की डॉ. कैटी डूरेस का कहना है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के भीतर एक एंटीबॉडी तैयार हो जाती है कि संक्रमण को दोबारा फैलने से रोकती है. लेकिन हमने शोध में पाया है कि लगभग तीन महीने बाद शरीर में ये एंटीबॉडी पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं. इसकी वजह से कोरोना के दोबारा फैलने का खतरा है.


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