नई दिल्ली: महिलाओं में स्तन कैंसर की जल्द पहचान करने के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शुक्रवार को यहां दो दिवसीय एमुलेट-टीएबी (टुगेदर अगेन्स्ट ब्रेस्ट कैंसर) सम्मेलन का आयोजन किया गया. फूजीफिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आयोजित इस सम्मेलन का लक्ष्य व्यवहार परिवर्तन को शुरू करना और इस तथ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना कि अगर स्तन कैंसर के बारे में शुरूआत में ही पता लगा लिया जाए तो इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सम्मेलन में मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरू, औरंगाबाद, कोच्चि, शिमला और कोलकाता के प्रसिद्ध डॉक्टर शामिल हुए जिन्होंने भारत में स्तन कैंसर, इमेजिंग का भविष्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर विचार व्यक्त किए. 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष 50,000 महिलाओं में से एक में स्तन कैंसर का मामला सामने आता है. 2030 तक हर वर्ष 50000 महिला पर यह संख्या 2 से अधिक होने की आशंका है. 


भारत में स्तन कैंसर से पीड़ित हर दो महिलाओं में से एक महिला की मौत हो जाती है. इन मौतों के लिए सबसे बड़ा कारण बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी और लापरवाही है क्योंकि अधिकांश रोगी उस वक्त डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, जब कैंसर अंतिम चरण में पहुंच चुका होता है.


इस अवसर पर फूजीफिल्म एशिया पैसिफिक के प्रबंध निदेशक मासाहिरो ओटीए ने कहा, "स्तन कैंसर पहले नंबर का कैंसर है, जो महिलाओं को प्रभावित करता है. चूंकि शुरूआती पहचान जीवित रहने की दर में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए हम महिलाओं को बीमारी का पता लगाने में मदद करने के लिए डिजिटल मैमोग्राफी जैसे अभिनव समाधान ला रहे हैं." 


(इनपुट भाषा)