जंक फूड के सेवन से बच्चों की धमनियों (नसों) पर असर पड़ रहा है. यह चेतावनी विशेषज्ञों ने एक नए अध्ययन में दी है. शोधकर्ताओं ने दावा किया कि ऐसी डाइट 17 साल की उम्र तक के बच्चों की धमनियों को कठोर बना रहे हैं. इन सख्त धमनियों के कारण स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. इंसान के शरीर में धमनियां प्रमुख ब्लड वेसेल्स हैं, जो दिल से खून को शरीर की सेल्स तक लाती हैं.


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एक्सेटर यूनिवर्सिटी और ईस्ट-फिनलैंड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने लंदन के ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के सहयोग से यह अध्ययन किया है. उन्होंने चिंता जताई है कि गलत लाइफस्टाइल के कारण बच्चे जंक फूड डाइट पर जीवन जी रहे हैं. विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि बच्चों में जंक फूड जैसी समस्याओं के जांच कराने से भविष्य में दिल से जुड़ी बीमारी की दिक्कत को रोका जा सकता है.


क्या अंतर मिला?
शोधकर्ताओं को पता चला कि सात और 10 साल में हाई कैलोरी, फैट, चीनी से भरपूर और कम फाइबर वाली डाइट लेने वाले बच्चों की नसें 17 साल की उम्र में उन बच्चों की तुलना में अधिक सख्त थीं, जिन्होंने बचपन में कम कैलोरी वाला या कम फैट रिच फूड खाया था.


शरीर के लिए पोषक तत्व जरूरी
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के विशेषज्ञ डॉ. जेनेवीव बकलैंड ने कहा कि हर बच्चे की कैलोरी की आवश्यकता अलग-अलग होती है. अगर फल और सब्जियां, हाई फाइबर स्टार्च रिच फूड का सेवन करेंगे तो उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं रहेगी.


इतने बच्चों पर किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सबसे पहले पांच हजार बच्चों पर शोध किया, इसमें पता चला कि जिन्होंने सब्जियों, फलों, बीन्स और दालों से भरपूर पौष्टिक चीजों का सेवन किया, उनकी नसें कम अकड़ी हुई थीं. इसके बाद 4700 बच्चों पर जंक फूड की डाइट का आकलन किया. इस दौरान बच्चों को सात 17 वर्ष की आयु तक में उनकी नाड़ी में मौजूद प्लस वेव और उसकी मोटाई को मापा गया.


जीवन में शामिल करें संतुलित आहार
- हर दिन कई प्रकार के फलों और सब्जियों के कम से कम पांच हिस्से खाएं
- आलू, ब्रेड, चावल, पास्ता या अन्य स्टार्च रिच कार्बोहाइड्रेट पर आधारित भोजन जरूरी
- एक दिन में 30 ग्राम तक फाइबर रिच खाने को जरूर शामिल करें
- फलियां, दालें, मछली, अंडे, मांस का भी सेवन करें
- एक दिन में 6-8 गिलास पानी पीएं