Lionel Messi Growth Hormone Disease: रविवार को अर्जेंटीना की टीम ने फीफा विश्वकप 2022 का खिताब अपने नाम किया. जीत के नायक रहे गोल्डन बॉल विजेता लियोनल मेसी. अर्जेंटीना के इस जीत पर सोशल मीडिया पर लियोनल मेसी की खूब चर्चा है. खेल के अंतिम पड़ाव पर जिस तरह उन्होंने अपना जजबा दिखाया, वो देखते बन रहा था. लेकिन लियोनल मेसी के बारे में एक बात आप नहीं जानते होंगे. विश्व फ़ुटबॉल का यह सितारा बचपन से ही एक गंभीर और दुलर्भ बीमारी का शिकार है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेसी 11 साल की उम्र में ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी नाम की बीमारी के शिकार हो गए थे. जिसकी वजह से उन्हें हर रोज हार्मोन इंजेक्शन लगते थे. इस बीमारी में मेसी का इलाज लंबे समय तक चला है. चलिए विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के बारे में...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मेसी को लगते थे इंजेक्शन


मीडिया रिपोर्टस से पता चला कि लियोनल मेसी जब 12 साल के थे, तब उन्हें रोजाना पैरों में हार्मोन का इंजेक्शन लगता था. डॉक्टर्स बताते हैं, ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी एक दुर्लभ बीमारी है. छोटे बच्चे इस बीमारी से आसानी से प्रभावित हो सकते हैं. इसमें बच्चों के शरीर का विकास नहीं हो पाता है. अक्सर ऐसे बच्चों की हाइट कम रह जाती है. हालांकि इसका इलाज संभव है. 


ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी क्या है


आपको बता दें, जब किसी बच्चे में ग्रोथ हार्मोन की कमी (GHD) होती है, तो इस स्थिति में बच्चे की हाइट न बढ़ने की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है. यह बौनेपन का कारण भी बन सकता है. वहीं इस बीमारी के शिकार में बच्चों का कद सामान्य शरीर के मुकाबले छोटा ही रह जाता है. यह समस्या जन्मजात भी हो सकती है. कई बार खानपान में कमी के चलते भी ये बीमारी हो जाती है. 


स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ कारणों से पिट्यूटरी ग्रंथि से ग्रोथ हार्मोन का बनना काफी कम हो जाता है. ऐसे में इसके लिए आनुवंशिक दोष, मस्तिष्क की गंभीर चोट या जन्म से ही पिट्यूटरी ग्रंथि न होने की स्थिति को कारण माना जा सकता है. 


क्या है इलाज? 
ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी का शिकार होने पर इसका समय पर निदान करके इलाज किया जा सकता है. दवा और इंजेक्शन के माध्यमों से लक्षणों में सुधार लाया जा सकता है. जिन लोगों को यह समस्या होती है उनमें शरीर की लंबाई कम रह जाना, लड़कियों में स्तन के विकास या यौनावस्था से संबंधित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. 1980 के दशक के मध्य से, बच्चों और वयस्कों के इलाज के लिए सिंथेटिक ग्रोथ हार्मोन थेरपी को प्रयोग में लाकर सफलता पाई गई है. ग्रोथ हार्मोन इंजेक्शन के जरिए अंगों और मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है.  


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.