Mouth Cancer: मुंह के इन हिस्सों में मिलते हैं कैंसर के संकेत, इन्हें इग्नोर करना पड़ेगा भारी
Mouth Cancer: मुंह का कैंसर को ओरल कैंसर भी कहा जाता है. यह तब होता है जब होठों पर या मुंह में सेल्स उत्परिवर्तित होती हैं या अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं. कैंसर सपाट, पतली सेल्स में शुरू होता है.
Mouth Cancer: मुंह में छाले कई कारणों से हो सकते हैं. यह फूड सेंसिटिविटी, पोषक तत्वों की कमी या आपके मुंह में कुछ बैक्टीरिया के लिए एलर्जी की प्रतिक्रिया का परिणाम हो सकता है. हालांकि, यदि लक्षण लगातार बने रहते हैं या खराब हो जाते हैं तो यह मुंह के कैंसर की तरह कुछ अधिक खतरनाक और जानलेवा होने का संकेत दे सकता है. मुंह का कैंसर को ओरल कैंसर भी कहा जाता है. यह तब होता है जब होठों पर या मुंह में सेल्स उत्परिवर्तित होती हैं या अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं. कैंसर सपाट, पतली सेल्स में शुरू होता है. इन्हें स्क्वैमस सेल कहा जाता है और स्क्वैमस सेल के डीएनए में छोटे सा परिवर्तन सेल्स को असामान्य रूप से विकसित करता है.
मुंह के कौन से हिस्से प्रभावित हो सकते हैं?
यूके नेशनल हेल्थ सर्विसेज (एनएचएस) के अनुसार, मुंह के कैंसर का एक ट्यूमर जीभ, मुंह, होंठ या मसूड़ों की सतह पर विकसित होता है. यह लार ग्रंथियों, टॉन्सिल और ग्रसनी में भी हो सकता हैं लेकिन इसकी संभावना कम है.
मुंह के कैंसर के लक्षण
दर्दनाक छाले जो कई हफ्तों तक ठीक नहीं होते
मुंह या गर्दन में बिना वजह गांठ
बिना वजह ढीले दांत या सॉकेट जो निकाले के बाद भी ठीक नहीं होते
होंठ या जीभ सुन्न पड़ना या अजीब सा अहसास होना
मुंह या जीभ की परत पर सफेद या लाल धब्बे
बोली में परिवर्तन
कैसे कम करें खतरा?
तंबाकू और धूम्रपान को छोड़ने और शराब का सेवन सीमित करने से मुंह के कैंसर के खतरे कम किया जा सकता है. होठों पर अधिक धूप के संपर्क में आने से बचना चाहिए. इसके अलावा नियमित दांत की जांच के लिए दांतों के डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है.
Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.