PAD: इस बीमारी में नसें हो जाती हैं ब्लॉक, शरीर के हिस्सों में नहीं पहुंच पाता खून; जानिए किन्हें है अधिक खतरा
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के बाहरी हिस्सों, जैसे कि पैरों और हाथों में धमनियां (नसें) संकुचित या ब्लॉक हो जाती हैं. यह धमनियों में प्लेग के जमा होने के कारण होता है.
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के बाहरी हिस्सों, जैसे कि पैरों और हाथों में धमनियां (नसें) संकुचित या ब्लॉक हो जाती हैं. यह धमनियों में पट्टिका (plaque) के जमा होने के कारण होता है, जो एक फैटी पदार्थ है. पट्टिका के जमा होने से धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे खून का फ्लो कम हो जाता है.
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का सबसे आम लक्षण पैरों में दर्द है, खासकर चलते समय. यह दर्द आमतौर पर तब होता है, जब मांसपेशियों को अधिक खून की आवश्यकता होती है, जैसे कि चलते समय या व्यायाम करते समय. पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के अन्य लक्षणों में शामिल हैं- पैरों में ठंड लगना या सुन्नता, पैरों की त्वचा का रंग बदलना, पैरों के घाव जो ठीक नहीं होते हैं और पैरों पर बालों का झड़ना.
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज एक गंभीर स्थिति है क्योंकि यह खून के थक्कों (blood clots) के गठन का कारण बन सकती है. खून के थक्के नसों को पूरी तरह से ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे पैरों में खून का फ्लो रुक सकता है. इससे टिशू की मृत्यु (tissue death) हो सकती है. इस बीमारी को परिधीय संवहनी रोग भी कहा जाता है.
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर
- धूम्रपान
- डायबिटीज
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- मोटापा
- आयु (50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में इस बीमारी खतरा अधिक होता है
- परिवार में पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का इतिहास
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप जोखिम कारकों को नियंत्रित करें. इसका मतलब है धूम्रपान छोड़ना, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना और स्वस्थ वजन बनाए रखना. यदि आपको यह बीमारी है, तो आपके डॉक्टर आपके लिए एक उपचार योजना बनाएंगे. इस योजना में जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और/या सर्जरी शामिल हो सकती है.
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के खतरे को कम करने के टिप्स
- धूम्रपान छोड़ें.
- यदि आपको डायबिटीज है, तो अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करें.
- यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है, तो अपनी दवा लें.
- यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो अपनी कोलेस्ट्रॉल की दवा लें.
- स्वस्थ वजन बनाए रखें.
- नियमित रूप से व्यायाम करें.
- स्वस्थ आहार खाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.