उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलते देश के कई हिस्सों में ठंड बढ़ने लगी है. कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला गया है. ठंड बढ़ने से अस्पतालों की ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों से पटी पड़ी है. सर्दी, बुखार, जुकाम, खांसी ही नहीं बल्कि ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, दम के अलावा बीपी व शुगर बढ़ने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रही-सही कसर निमोनिया पूरा कर दे रहा है.


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हाइपरटेंशन के मामले: ठंड के मौसम में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. ठंड में ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा अधिक होता है. इसका कारण यह है कि ठंड में शरीर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का फ्लो कम हो जाता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.


डायबिटीज के मामले: ठंड के मौसम में डायबिटीज के मरीजों को भी खतरा बढ़ जाता है. ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन करता है. इससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है.


दमा के मामले: ठंड के मौसम में दमा के मरीजों को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. ठंड में हवा में नमी कम होती है, जिससे वायुमार्ग सिकुड़ सकते हैं. इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.


निमोनिया के मामले: ठंड के मौसम में निमोनिया के मामले भी बढ़ जाते हैं. निमोनिया एक तरह का फेफड़ों का संक्रमण है. ठंड में सर्दी-जुकाम के कारण फेफड़ों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है.


ठंड में इस तरह करें बचाव
- गर्म कपड़े पहनें और शरीर को ढक कर रखें.
- सुबह-शाम गुनगुना पानी पिएं.
- भरपूर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें.
- मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करें.
- धूम्रपान और शराब से बचें.
- नियमित रूप से व्यायाम करें.


डॉक्टरों की सलाह
- हाई बीपी के मरीजों को अपने ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करानी चाहिए.
- शुगर के मरीजों को अपने ब्लड शुगर की नियमित जांच करानी चाहिए और डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाएं लेनी चाहिए.
- दमा के मरीजों को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि वे सर्दी के मौसम में क्या सावधानियां बरत सकते हैं.
- निमोनिया के मरीजों को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि वे सर्दी के मौसम में क्या सावधानियां बरत सकते हैं.