साल्मोनेला बैक्टीरिया से सालाना 4.2 लाख मौतें, कहीं आप तो नहीं खा रहे ये चीजें जो आंतों को धीमे जहर की तरह कर रहा तबाह?
हर साल लाखों लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार होते हैं, और इसके पीछे मुख्य कारण साल्मोनेला बैक्टीरिया है. कच्चे अंडे, अधपका मांस, सब्जियां, और प्रोसेस्ड फूड में पाए जाने वाला यह बैक्टीरिया आंत में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है.
हर साल लाखों लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार होते हैं, और इसके पीछे मुख्य कारण साल्मोनेला बैक्टीरिया है. कच्चे अंडे, अधपका मांस, सब्जियां, और प्रोसेस्ड फूड में पाए जाने वाला यह बैक्टीरिया आंत में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है. हाल ही में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक शोध में खुलासा हुआ है कि साल्मोनेला बैक्टीरिया आंत में पोषक तत्वों के संतुलन को बदलकर खुद को जीवित रखता है और संक्रमण फैलाता है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि साल्मोनेला सबसे पहले छोटी आंत में प्रवेश करता है और आंत की परत में सूजन उत्पन्न करता है. इससे भोजन से अमीनो एसिड के सामान्य अवशोषण में रुकावट आती है. परिणामस्वरूप, ये अमीनो एसिड जैसे लाइसिन और ऑर्निथिन बड़ी आंत में जमा हो जाते हैं. यह बैक्टीरिया को शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (एससीएफए) के हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है, जिससे यह बैक्टीरिया तेजी से बढ़ता है.
फूड प्वाइजनिंग के आंकड़े और प्रभाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल असुरक्षित भोजन के कारण लगभग 600 मिलियन लोग बीमार होते हैं, और इनमें से 4.2 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं. साल्मोनेला इस समस्या का प्रमुख कारक है.
नए उपचार की संभावना
शोधकर्ताओं ने चूहों पर अध्ययन के दौरान पाया कि साल्मोनेला संक्रमण खून में अमीनो एसिड के अवशोषण को कम करता है. कैलिफोर्निया-डेविस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रियास बॉमलर ने कहा कि यह खोज न केवल साल्मोनेला संक्रमण को समझने में मददगार है, बल्कि कोलन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे सूजन संबंधी बाउल डिसऑर्डर के लिए भी नए उपचार की संभावनाएं खोलती है.
सावधानियां
फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिए हमेशा भोजन को सही तरीके से पकाएं और खाने-पीने की वस्तुओं को साफ रखें. कच्चे खाने के उपयोग से बचें और हेल्दी डाइट का चयन करें. यह आपकी आंत को सुरक्षित रखने और संक्रमण से बचाव में मदद करेगा.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.