ब्रेन कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसने लाखों लोगों को अपनी चपेट में लिया है. हालांकि, इस बीमारी को अब जल्द ही आसानी से पहचानी जा सकेगी. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसके जरिए खून के एक कतरे की जांच (ब्लड टेस्ट) से मात्र एक घंटे में ब्रेन कैंसर का पता लगाया जा सकेगा. इस नई तकनीक को 'लिक्विड बायोप्सी' नाम दिया गया है.


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पहले ब्रेन कैंसर का पता लगाने के लिए सर्जिकल बायोप्सी जैसी जटिल और दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसमें खून के एक छोटे से नमूने की जांच की जाती है. इस नमूने में ब्रेन कैंसर के विशिष्ट मार्कर की तलाश की जाती है. अगर ये मार्कर मौजूद होते हैं तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को ब्रेन कैंसर हो सकता है.


कैसे काम करती है यह तकनीक?
इस तकनीक में वैज्ञानिक ब्लड टेस्ट में एक्सोजोम्स नामक छोटे-छोटे कणों की तलाश करते हैं. ये एक्सोजोम्स कैंसर सेल्स से निकलते हैं और इनमें ब्रेन कैंसर के विशिष्ट मार्कर होते हैं. वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार का चिप विकसित किया है जो इन मार्करों से चिपक जाता है. इस तरह से वे यह पता लगा पाते हैं कि व्यक्ति को ब्रेन कैंसर है या नहीं.


इस तकनीक के फायदे
* तेज और सटीक: यह तकनीक बहुत ही तेज और सटीक है. ब्लड टेस्ट मात्र एक घंटे में पूरी हो जाती है और इसके परिणाम भी बहुत ही सटीक होते हैं.
* कम दर्दनाक: सर्जिकल बायोप्सी की तुलना में यह तकनीक बहुत कम दर्दनाक है. इसमें केवल खून का एक छोटा सा नमूना लेना होता है.
* सस्ती: यह तकनीक सर्जिकल बायोप्सी की तुलना में बहुत सस्ती है.


आगे का रास्ता
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तकनीक ब्रेन कैंसर के इलाज में एक क्रांति ला सकती है. इस तकनीक के जरिए ब्रेन कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकेगा और इसका इलाज भी जल्दी शुरू किया जा सकेगा. इससे मरीजों के बचने की संभावना काफी बढ़ जाएगी.


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