Radish Side Effects: सर्दियों में मूली खाने के फायदे कम, नुकसान ज्यादा? जान लें ये 5 बातें!
सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में मूली रंग लाती है. ये स्वादिष्ट और सस्ती सब्जी न सिर्फ सलाद में, बल्कि पराठे, सब्जी और अचार के रूप में भी खूब पसंद की जाती है.
सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में मूली रंग लाती है. ये स्वादिष्ट और सस्ती सब्जी न सिर्फ सलाद में, बल्कि पराठे, सब्जी और अचार के रूप में भी खूब पसंद की जाती है. मूली में विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सर्दी में इम्यून सिस्टम मजबूत करने, पेट साफ रखने और हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं.
माना जाता है कि ये सर्दी में शरीर को गर्म रखने और खांसी-जुकाम से बचाने में मदद करती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा मूली खाने से सर्दियों में ही आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है? आइए जानते हैं मूली के कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में, खासकर सर्दियों के मौसम में:
डिहाइड्रेशन का खतरा
मूली में पानी की मात्रा अधिक होती है और इसका मूत्रवर्धक प्रभाव होता है. सर्दियों में पहले से ही पसीना कम आने के कारण शरीर में पानी की कमी होने का खतरा रहता है. ऐसी स्थिति में जरूरत से ज्यादा मूली खाने से डिहाइड्रेशन की समस्या और बढ़ सकती है.
ब्लड प्रेशर में गिरावट
मूली में नाइट्रेट्स नामक तत्व होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं. हालांकि, पहले से ही लो ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों के लिए मूली का सेवन हानिकारक हो सकता है. इससे चक्कर आना, कमजोरी और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
आयोडीन की कमी
मूली में थियोग्लूकोसाइड्स नामक तत्व पाए जाते हैं जो थायरॉयड ग्लैंड के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं. खासकर आयोडीन की कमी वाले लोगों के लिए मूली का अधिक सेवन हाइपोथायरायडिज्म का खतरा बढ़ा सकता है.
पेट की समस्याएं
मूली में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आपके पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है. लेकिन जरूरत से ज्यादा मूली खाने से पेट में गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा
मूली का ब्लड शुगर लेवल को कम करने का प्रभाव होता है. मधुमेह के रोगियों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है, लेकिन हाइपोग्लाइसीमिया (बहुत कम ब्लड शुगर) की समस्या वाले लोगों के लिए मूली खाने से ब्लड शुगर लेवल और कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना, कमजोरी और बेहोशी का खतरा बढ़ सकता है.