Neha Kakkar is suffering from anxiety: पिछले दिनों बॉलीवुड सिंगर नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) ने एक रियलिटी शो के दौरान कहा था कि वह एक बीमारी से जूझ रही हैं और कई बार इसकी वजह से वह बहुत डिस्‍टर्ब हो जाती हैं. अपनी बीमारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास प्‍यार, अच्छा परिवार, करियर, सब कुछ है, लेकिन अपने एंग्‍जायटी इश्‍यू की वजह से वह बहुत परेशान रहती हैं. नेहा कक्कर जिस मानसिक बीमारी से परेशान हैं वह बेहद खतरनाक होती है. 


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एंग्‍जायटी इंसान को किन-किन तरीकों से नुकसान पहुंचा सकती है, यह कैसे होती है और कितनी खतरनाक हो सकती है? इसी तरह के जरूरी सवालों को लेकर हमने मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर विकास खन्ना से खास बातचीत की है.


क्या है एंग्जायटी ? (what is anxiety)
डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि एंग्जायटी एक मानसिक रोग है, जो इंसान को मानसिक रूप से कमजोर बना देती है. ये मस्तिष्क को चोट देने के साथ ही शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी में रोगी को तेज बैचेनी के साथ नकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है. जैसे, अचानक हाथ कांपना, पसीने आना आदि. अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है.


एंग्जायटी होने पर इंसान को कैसा महसूस होता है?
जब कोई इंसान एंग्जायटी से जूझ रहा होता है उस स्थिति में हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है. यह घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) होते हैं. इसके अलावा अलावा उलटी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, अचानक दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है. 


कैसे पता चलेगा कि कोई इंसान एंग्जायटी से पीड़ित है (symptoms of anxiety)
मनोचिकित्स विकास खन्ना कहते हैं कि चिंता कब एक बड़े रोग का रुप ले ले, यह कहना फिलहाल बहुत मुश्किल है, लेकिन यदि कोई ऐसी चिंता है, जो लंबे वक्त से बनी हुई है तो यह निश्चित तौर पर कोई बड़ा रूप ले सकती है. ऐसी स्थिति में आपको फौरन मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट का परामर्श लेना चाहिए. वैसे तो एंग्जायटी डिसऑर्डर कईं प्रकार के होते हैं, लेकिन उनके कुछ सामान्य लक्षण हैं. नीचे जानिए उनके बारे में...


  1. दिल की धड़कन का बढ़ जाना

  2. सांस फूल जाना

  3. मांसपेशियों में तनाव का बढ़ जाना

  4. छाती में खिंचाव महसूस होना

  5. किसी के लिए बहुत ज्यादा लगाव होना 

  6. किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना


आखिर क्यों एंग्जायटी का शिकार हो जाते हैं लोग? (cause of anxiety)
डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि एंग्जायटी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. इनमें सबसे पहला कारण छोटी-छोटी बात पर ज्यादा चिंता करने लगना है. वहीं काम का बोझ, तनाव और ब्रेकअप भी इसका कारण बन सकता है. जिन व्यक्तियों के परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएं होती रही हैं, वह इसकी चपेट में आ सकते हैं. कई बार लोग पीड़ा, गम, मायूसी, उदासी व तकलीफ को भुलाने के लिए शराब, नशीली दवाओं और दूसरे नशों का सहारा लेने लगते हैं, जो एंग्जायटी की समस्या को और बढ़ा सकता है. 


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कितनी खतरनाक हो सकती है एंग्जायटी?
डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि एंग्जायटी डिसॉर्डर से पीड़ित व्यक्ति की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर बहुत बुरा असर पडता है. इससे उसकी रोजमर्रा की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जाती है. वो किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता. अगर लंबे समय तक यह समस्या रहती हो तो वह डिप्रेशन का रूप ले सकती है. ज्यादा गंभीर स्थिति होने पर व्यक्ति में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ जाती है. 


एंग्जायटी से हम कैसे बच सकते हैं?
डॉक्टर विकास खन्ना की मानें तो इस समस्या से बचने के लिए रोज 30 से 40 मिनट हमें एक्सरसाइज करनी बहुत जरूरी है. इससे एंग्जायटी रिलीज होती है. एक ही बात से फोकस हटाना जरूरी है. इसके लिए आप म्यूजिक सुन सकते हैं और अपने पसंद के दूसरे काम भी कर सकते हैं. साथ ही गहरी सांस एंग्जायटी में बेहद मदद करती है. डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि एंग्जायटी की वजह बनने वाली चीजों से दूरी बना लेना एंग्जायटी से बचने का शॉर्ट टर्म हल है, क्योंकि अगली बार जब आप उस चीज का सामना करेंगे तो आपके सामने वही सायकिल फिर से चलेगी. इसकी जगह आपको करना ये है कि अपने डर का सामना करें, ताकि वो  एक बार में हमेशा के लिए दूर हो जाएं. इस तरह से आप अपने डर से बाहर आएंगे और भविष्य में एंग्जायटी होने की संभावना भी नहीं रहेगी.


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.