राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई राज्यों में बढ़ते तापमान के साथ ही, अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामले भी सामने आने लगे हैं. एम्स (दिल्ली) के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि हीट स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब शरीर अधिक तापमान में ज्यादा काम करने से गर्म हो जाता है. यह एक गंभीर स्थिति है जिसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है.


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हालांकि, गर्मी में बिना परिश्रम किए बैठे रहने वाले लोगों को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है, खासकर अगर उनके शरीर में पानी की कमी हो जाए. बच्चों, बुजुर्गों और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है.


हीट स्ट्रोक के लक्षण
- शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट या उससे अधिक
- पसीना कम या बंद हो जाना
- तेज दिल की धड़कन
- चक्कर आना, सिरदर्द, और उल्टी
- भ्रम और बेहोशी


किन्हें है अधिक खतरा
- छोटे बच्चे और बुजुर्ग
-डायबिटीज, दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग
- जो लोग दवाएं ले रहे हैं
- जो लोग शराब या कैफीन का सेवन करते हैं
- जो लोग बाहर काम करते हैं या अधिक शारीरिक गतिविधि करते हैं


बचाव के उपाय
- धूप से बचने के लिए ढीले-ढाले सूती कपड़े और टोपी पहनें.
- दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं.
- एयर कंडीशनिंग या पंखे का उपयोग करें, ठंडे पानी से स्नान करें और ठंडा पानी पीएं.
- भारी भोजन से बचें, हल्का और पौष्टिक भोजन खाएं.
- शराब और कैफीन से बचें. ये आपको निर्जलीकरण कर सकते हैं.
- बाहरी गतिविधि कम करें. यदि आपको बाहर जाना है, तो सुबह या शाम को जाएं जब तापमान कम होता है.
- बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखें. उन्हें नियमित रूप से पानी पिलाते रहें और उन्हें ठंडी जगह पर रखें.


यदि आपको लगता है कि आपको या किसी अन्य व्यक्ति को हीट स्ट्रोक हो रहा है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें. हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए इन सरल उपायों का पालन करके आप स्वयं को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं.