Hypersomnia: 11 घंटे से अधिक नींद आना दे रहा है किसी गंभीर बीमारी का संकेत, जानें
Effects of Hypersomnia: किसी-किसी की 5 घंटे ही सो कर नींद पूरी हो जाती है, कोई 10 घंटे सोने के बाद भी अधूरी नींद फील करता है. ये बात आम नहीं है. इस बात को अनदेखा नहीं करना चाहिए.
Effects of Hypersomnia: नींद हमारी अच्छी सेहत के लिए जरूरी भी है और उतनी ही सबको प्यारी भी है. कुछ लोग थोड़ा ज्यादा सोना पसंद करते हैं. उन्हें लगता है कि अधिक के फायदे होते हैं. लेकिन आपको बता दें ऐसा करना सिर्फ कभी-कभार ही अच्छा हो सकता है. क्योंकि जब आप एक्स्ट्रा घंटे सोते हैं तो धीरे-धीरे ये आपकी आदत बन जाती है. जिससे बड़ी समस्या हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कम नींद लेना जितना सेहत के लिए हानिकारक होता है, उतना ही अधिक सोना भी शरीर पर बुरा असर डाल सकता है. आइये जानें जिन लोगों को अधिक नींद आती है उससे सेहत को क्या नुकसान पहुंच सकते हैं.
वैसे तो 18 से 58 साल की उम्र वाले लोगों के लिए 7 से 8 घंटे की नींद काफी मानी जाती है. वहीं इससे कम उम्र के बच्चों और अधिक उम्र के प्रौढ़ों के लिए 9 से 11 घंटे की नींद जरूरी होती है. लेकिन युवाओं के लिए हर दिन 9 से 11 घंटे सोना गंभीर समस्या पैदा कर सकता है. अगर आपके जानने में या घर में कोई युवा 9 से 11 घंटे सोता है तो चिंताजनक है. इसका मतलब है कि उस व्यक्ति की सेहत के साथ कुछ समस्याएं हैं. अधिक नींद आने की वजह शरीर में न्यूट्रिशन की कमी भी एक वजह हो सकती है. कई बार कमजोरी के कारण भी अधिक नींद आती है. इसे हाइपरसोमनिया की समस्या कहते हैं, जो कि एक गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है.
क्या होता है हाइपरसोमनिया?
1. हाइपरसोमनिया एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति को हर समय नींद आती है और सोने का मन करता है. व्यक्ति चाहकर भी जाग नहीं पाता. कई-कई तो इतनी नींद आती है कि उसे हर समय से एक नशा-सा फील होता है.
2. हाइपरसोमनिया की बीमारी में व्यक्ति 24 घंटे में से 10 घंटे से अधिक सोकर भी स्लीपी फील करता रहता है. यानी व्यक्ति को 10 घंटे सोने के बाद भी ऐसा लगता है कि नींद पूरी नहीं हुई है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति 24 में से 16 घंटे तक भी सो सकता है. यह स्थिति कुछ दिन से लेकर कुछ महीने तक भी बनी रह सकती है. इसलिए ये लक्षण दिखते ही आपको तुरंत जांच के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
इस बीमारी को ठीक करने के लिए आप किसी दवाओं सहारा नहीं ले सकते हैं. इस बीमारी को ठीक करने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं. जैसे
1. निजी स्वच्छता का ध्यान रखें.
2. बिस्तर को क्लीन और बेड रूम का माहौल अच्छी नींद के लिए फेवरेवल बनाएं.
3. चाय और कॉफी का सेवन कम करें, इनसे नींद प्रभावित होती है.
4. अल्कोहल से दूरी बनाएं.
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