Sleeping Mistake: सोने में की ये गलती तो नहीं मिलेगा व्यायाम का फायदा, आपकी पूरी मेहनत हो जाएगी बर्बाद
Bad sleeping habits: कम नींद के कारण शारीरिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया.
Bad sleeping habits: अच्छी सेहत लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है. एक नए अध्ययन में दावा किया गया कि अगर रोजाना छह घंटे से कम सोते हैं. तो व्यायाम करने पर भी फायदा नहीं मिलेगा. द लैंसेट हेल्दी लॉन्गविटी जर्नल में यह शोध प्रकाशित हुआ है.
कम नींद के कारण शारीरिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया. इस दौरान शोधकर्ताओं ने 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के 8,958 लोगों को शामिल किया और 10 वर्षों तक उनकी गतिविधियों पर नजर रखा.
शारीरिक स्थिति में आई गिरावट
शोधकर्ताओं ने विश्लेषण किया कि नींद और शारीरिक गतिविधि की आदतों के अलग-अलग संयोजन समय के साथ लोगों के कार्य को कैसे प्रभावित करते हैं. टीम ने पाया कि जो लोग शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय थे और कम नींद लेते थे (औसतन छह घंटे से कम) उनकी शारीरिक स्थिति में तेजी से गिरावट आई. यानी 10 साल बाद उनका शरीर उन दोस्तों के बराबर था, जो कम शारीरिक गतिविधि करते थे. यह अध्ययन पिछले शोध के अनुरूप पाया गया कि हर रात छह से आठ घंटे की नींद बेहतर कार्य क्षमता से जुड़ी हुई थी.
पर्याप्त रूप से नींद लेना जरूरी
यूसीएल की लेखिका मिकाएला ब्लूमबर्ग ने कहा, इससे पता चलता है कि शारीरिक गतिविधि का लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है. यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य के बारे में सोचते समय नींद और शारीरिक गतिविधि पर एक साथ विचार करना कितना महत्वपूर्ण है.
10 साल बाद दिखा बदलाव
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय थे, उनका कार्य बेहतर था, चाहे वे कितनी भी देर तक सोए हों. उनमें 10 साल की अवधि में बदलाव आया है. यानि छह घंटे से कम नींद वालों में तेजी से गिरावट हुई. यह 50 और 60 वर्ष के लोगों के अधिक था.
तीन समूहों में बांटा गया
अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों से कई सवाल पूछे गए. जैसे कि वे सप्ताह में रात में कितनी देर तक सोते हैं. इसके बाद उन्हें तीन समूहों छोटी नींद (छह घंटे से कम), मध्यम नीद (छह से आठ घंटे) और लंबी नींद (आठ घंटे से अधिक) में बांटा गया. इस दौरान प्रतिभागी अपनी नींद और शारीरिक गतिविधि पर निर्भर थे. इसमें पाया गया कि जिन्होंने कम नीद ली, वे समय के साथ कम सक्रिय रहे.